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सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताने पर मुश्किल में फंसे उदयनिधि स्टालिन, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस


नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर विवादित बयान देने को लेकर तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) को नोटिस जारी किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सनातन धर्म के विरोध में उदयनिधि और ए राजा के बयान के खिलाफ याचिका पर शीर्ष अदालत ने यह नोटिस जारी किया है। अदालत का कहना है कि वह इस मामले को हेट स्पीच पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ सुनेगी।

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चेन्नई के एक वकील ने याचिका दायर कर मांग की है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाय।

उदयनिधि स्टालिन कौन हैं?

उदयनिधि स्टालिन मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। वे तमिलनाडु के खेल और युवा कल्याण मंत्री भी हैं। उनकी पार्टी का नाम डीएमके है।

उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा?

दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था- कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। जिस तरह हम डेंगू-मलेरिया का केवल विरोध नहीं कर सकते, बल्कि उन्हें खत्म करना भी जरूरी होता है। उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध ही नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे खत्म भी करना चाहिए।

‘सनातन के खात्मे से खत्म होगी छुआछूत’

चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म को लेकर जहर उगलने वाले स्टालिन को अपने बयानों पर जरा भी अफसोस नहीं है। उनका कहना है कि वे अपने बयान पर दृढ़ता से कायम हैं। इतना ही नहीं, वे सनातन को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। सनातन को डेंगू-मलेरिया और कोरोना वायरस बताने के बाद उन्होंने कहा कि अगर सनातन धर्म को खत्म कर दिया जाए तो छुआछूत भी खत्म हो जाएगी।