गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के अंदर विकास की भावना क्या होनी चाहिए, यह मंत्र भारत ने दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विगत नौ वर्षों से देश और दुनिया में इसी भावना का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना विकसित भारत की आधारशिला’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक संकल्प दिया।
उत्तर से दक्षिण तक तथा पूर्व से पश्चिम तक एक भावना से सभी को संबल प्रदान किया। देश के 120 जनपद नक्सल प्रभावित थे, पूर्वोत्तर अराजकता से भरा था। पर, पीएम मोदी ने अपने नेतृत्व में भेदभाव की भावना को समाप्त कर, विकास की योजनाओं से जोड़कर इन सभी क्षेत्रों को विकास की धारा में ला दिया। कश्मीर हो या कन्याकुमारी, अरुणाचल हो या द्वारिकापुरी, देशवासियों को सीधे विकास की परियोजनाओं से जोड़कर भारत को समानभाव से समझने का अवसर दिया।
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 54वीं एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण संकल्प की याद दिलाई। कहा कि इस भाव ने हमें एक विकसित भारत का निर्माण करना है। जो गुलामी के प्रतीक हैं, उनसे मुक्ति पाकर स्वदेशी पर गर्व करते हुए आत्मनिर्भर बनाना होगा।
एक तरफ गुलामी के अंश पर विराम लगाना है तो दूसरी तरफ अपनी विरासत पर गौरव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत देश ऐसा है जहा जन्म लेना दुर्लभ है ,उसमें भी मनुष्य के रूप में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। हमें अपने तीर्थ, अपने धर्म ग्रंथ, अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए । हमें सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। साथ ही अपने कर्तव्यों के प्रति सभी को जागरूक रहना होगा