मोदी ने कहा कि आज के दिन आमतौर पर मेरा प्रयास रहता है कि मैं मेरी मां के पास जाऊं, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लूं, लेकिन आज मैं मां के पास नहीं जा सका, लेकिन मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल की, अन्य समाज की, गांव-गांव में मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं। ये दृष्य आज मेरी मां जब देखेगी तो जरूर संतोष होगा कि भले बेटा आज यहां नहीं गया, लेकिन लाखों माताओं ने आशीर्वाद दिया है। मेरी मां को आज ज्यादा प्रसन्नता होगी।
‘देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं’
पीएम मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी। मोदी ने कहा कि मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है। अब से कुछ देर पहले मुझे कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला। आज इस मंच से पूरे विश्व को संदेश देना चाहता हूं कि आज जब करीब-करीब 75 वर्ष बाद आठ चीते हमारे देश की धरती पर लौट आए हैं। अफ्रीका से हमारे मेहमान आए हैं, इन मेहमानों के सम्मान में हम सभी इनका स्वागत करें।
‘नारी शक्ति का परचम लहरा रहा है’
मोदी ने आगे कहा कि पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के ‘नए भारत’ में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है। जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है
पीएम ने ये भी कहा कि पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े। उन्होंने आगे कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।