बेंगलुरु, : कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज भी सुनवाई जारी है। सीनियर एडवोकेट एएम डार ने कोर्ट को अवगत कराया है कि उन्होंने एक नई याचिका दायर की है। यह याचिका कोर्ट की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए पांच छात्राओं के ओर से दायर की गई है। इस याचिका पर कोर्ट में 21 फरवरी को सुनवाई होगी।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि आदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को निलंबित किया जाए। उन्होंने दलील दी कि लाइव स्ट्रीमिंग के कारण केस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं। इसके पलट कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में उत्तरदाताओं का क्या रुख है यह लोगों को जनना जरूरी है। मामले में राज्य के ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने बहस शुरू करते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार का ऐसा मानना है कि हिजाब इस्लाम धर्म की जरूरी प्रथाओं के तहत नहीं आता है।
एडवोकेट जनरल ने हाई कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के मुद्दे ने धार्मिक रुख ले लिया। जिसके बाद राज्य से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई। उन्होंने कहा कि विरोध और अशांति जारी थी, इसलिए पांच फरवरी को आक्षेपित आदेश पारित किया गया था। एडवोकेट जनरल ने बताया कि राज्य सरकार ने छात्रों को कालेज द्वारा निर्धारित यूनीफार्म पहनने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश सरकार धर्म से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।