राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा वोट मांगने गुरुवार को जब लखनऊ आए थे तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन के सहयोगी आरएलडी नेता जयंत चौधरी को तो बुलाया लेकिन सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर को नहीं बुलाया था। इस बात से राजभर नाराज हो गए थे। उन्होंने यहां तक कर दिया कि ऐसा लगता है कि अखिलेश को अब उनकी जरूरत नहीं है।
ओम प्रकाश राजभर ने पिछले एक-दो दिनों में इस बात के संकेत दे रहे थे कि सपा और सुभासपा का गठबंधन टूटने वाला है, लेकिन पहल वह नहीं करेंगे और अखिलेश को गठबंधन तोड़ने का मौका देंगे। उन्होंने कहा कि वह अखिलेश की तरफ से तलाक देने का इंतजार करेंगे और अपनी तरफ से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे। राजभर ने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में वह क्या करेंगे, समय पर पता चल जाएगा।