पटना/दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को प्रधानमंत्री बनाने के पोस्टर लगाए जाने का अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। बता दें कि अखिलेश यादव ने हाल ही में आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला था। इसके बाद से आईएनडीआईए (INDIA Alliance) में दरार पड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को जापान रवाना होने से पहले इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल का जवाब दिया। सपा द्वारा अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताते हुए पोस्टर लगाए जाने पर उन्होंने साफ कहा कि ‘…यह कोई मुद्दा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि अब पोस्टर कौन क्या-क्या कहां-कहां चिपकाता रहता है। सब पार्टी की इच्छा होती है। यह कोई मुद्दा नहीं है। अब हमें ही कोई कृष्ण-अर्जुन बना देते हैं। इसका कोई मतलब है क्या?
कहां लगे हैं अखिलेश के पोस्टर ?
अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री बनाने के पोस्टर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर लगाए गए हैं। यहां एक बड़ी होर्डिंग लगाई गई है। इसमें अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ जन्मदिन की बधाई दी गई है। इसके साथ ही उन्हें देश का भावी प्रधानमंत्री बताया गया है। जानकारी के अनुसार, सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने यह होर्डिंग लगवाया है।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लेकर क्या कहा था?
अखिलेश यादव बीते दिनों कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला था। दरअसल, यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा और अखिलेश को लेकर बयान दिया था। इस पर अखिलेश ने कहा था कि कांग्रेस अपने चिरकुट टाइप के छोटे नेताओं से हमारी पार्टी के लिए कोई बयान न दिलवाए। बहरहाल, इससे पहले अखिलेश यादव ने आईएनडीआईए गठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर बयान दिया था। असल में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों की सूची पर उन्होंने अपनी बात कही थी। वह सपा की सीटें नहीं मिलने से नाराज थे। उनका कहना था कि कांग्रेस का यदि यही रवैया रहा तो आगे (लोकसभा चुनाव में) उन पर कौन भरोसा करेगा।
जापान क्यों जा रहे तेजस्वी यादव ?
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जापान (Japan) के ओसाका जा रहे हैं। वहां पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन है। इसमें वह बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेल 26 अक्टूबर को होने वाला है। इसमें देश के कई राज्यों के पर्यटन मंत्री शामिल होने के लिए गए हैं। बिहार में बुद्ध सर्किट होने की वजह से प्रदेश सरकार को इसमें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।