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अनंत सिंह के लिए आसान नहीं मोकामा की राह, नीलम के खिलाफ सोनम को मजबूत कर रहा सूरजभान का साथ


पटना, । बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार अनंत सिंह के परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र मोकामा में इस बार लड़ाई उतनी आसान नहीं है। अनंत सिंह की विधानसभा सदस्‍यता रद होने के बाद इस सीट से उनकी पत्‍नी नीलम देवी राष्‍ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनका सामना इलाके के एक और बाहुबली ललन सिंह की पत्‍नी सोनम देवी की पत्‍नी से है। इस बार की लड़ाई इलाके के तीसरे बाहुबली सूरजभान सिंह की वजह से दिलचस्‍प होने की उम्‍मीद है। 

2010 में मामूली अंतर से हारी थीं सोनम

दरअसल, सोनम देवी पहले भी अनंत सिंह का सीधा सामना कर चुकी हैं। 2010 के विधानसभा चुनाव में सोनम देवी सीधे अनंत सिंह के मुकाबले में खड़ी थीं। इस चुनाव में जदयू के उम्‍मीदवार अनंत सिंह को 51560, जबकि लोजपा उम्‍मीदवार सोनम देवी को 42610 मत मिले थे। सोनम देवी के पति ललन सिंह भी अनंत सिंह का सामना इस सीट पर कर चुके हैं।

पिछली बार हारे थे जदयू प्रत्‍याशी

2020 के विधानसभा चुनाव में राष्‍ट्रीय जनता दल के टिकट पर अनंत सिंह ने मोकामा की सीट जीती थी। उन्‍हें 78721 मत मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे जदयू के राजीव लोचन नारायण सिंह को 42964 और तीसरे नंबर पर रहे लोजपा के सुरेश सिंह निषाद को 13331 मत मिले थे।

2015 में तीसरे नंबर पर रहे थे ललन

2015 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 54005 मत पाकर जीते थे। दूसरे नंबर पर रहे जदयू के नीरज कुमार को 35657 और तीसरे नंबर पर रहे जन अधिकार पार्टी के ललन सिंह को 16655, जबकि चौथे स्‍थान पर रहे लोजपा के कन्‍हैया कुमार को 15472 मत मिले थे।

अनंत सिंंह के लिए जदयू का साथ प्‍लस प्‍वाइंट

अनंत सिंह और उनकी पत्‍नी नीलम देवी के लिए इस बार जदयू का साथ मजबूती दे रहा है। जदयू और राजद दोनों बड़े दलों के कैडर वोट के अलावा अनंत सिंह को अपने जनाधार पर भरोसा है। यही वजह है कि नीलम देवी अपनी जीत के लिए आश्‍वस्‍त हैं।

सूरजभान का समर्थन भाजपा को दे रहा मजबूती

दूसरी तरफ, मोकामा विधानसभा चुनाव में सूरजभान का खुलकर समर्थन करना भाजपा को मजबूती दे रहा है।

राजनीतिकजानकार बताते हैं कि लोजपा का हिस्‍सा रहते हुए भी पिछले दो चुनावों में ललन सिंह को सूरजभान का पूर्ण रुप से समर्थन नहीं मिला था। इसकी एक वजह यह भी रहा कि खुद सूरजभान के छोटे भाई कन्‍हैया कुमार भी चुनाव लड़ रहे थे। इसके चलते ललन सिंह की पत्‍नी सोनम देवी कम मतों के अंतर से हार गई थीं।

भाजपा को लोजपा के कैडर वोट पर भी भरोसा

बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा पूरी तरह से कमर कसकर तैयार है। भाजपा को उम्‍मीद है कि लोजपा का कैडर वोट भी सोनम सिंह को खुलकर वोट देगा। इस क्षेत्र में लोजपा का कैडर वोट भी मजबूत है। हालांकि चिराग पासवान और पशुपति पारस में बिखराव के बाद इसमें भी टूट हुई है। इन दोनों नेताओं का अंदाज भी चुनाव परिणाम पर असर डालेगा।