- कोविड-19 की वजह से अपने माता- पिता को खो चुके अनाथ बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किया है. गाइडलाइन के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने वाले गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से अनाथ बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए प्रावधान करने को कहा है.
कोर्ट ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन बच्चों की पहचान करने को कहा है जिसने कोविड के दौरान अपने परिवारवालों को खो दिया. कोर्ट ने बिना किसी देरी के राज्यों को ऐसे बच्चों की जानकारी NCPCR के पोर्टल पर अपलोड करने को के निर्देश दिए हैं.
कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे की जो बच्चे केविड से पहले किसी सरकारी या प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे थे उसकी पढ़ाई आगे भी उसी सरकारी और प्राइवेट स्कूल में जारी रहे. इसके अलावा बच्चों को जल्द से जल्द सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता पहुंचाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य अनाथ बच्चों की पहचान चाइल्डलाइन 1089, स्वास्थ्य अधिकारियों, पुलिस, NGO और पंचायतीराज्य के इंस्टीट्यूशन के ज़रिए करें.
मार्च 2020 से 5 जून 2021 तक 3071 बच्चे हुए अनाथ
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को निर्देश दिया कि ऐसे बच्चों को खाना, दवा, कपड़े, राशन का बंदोबस्त करवाया जाए. कोर्ट ने कहा कि अनाथ बच्चों के गार्जियन अगर उनका सही से रख रखाव नहीं कर रहे हैं उन्हें तुरंत CWC के सामने पेश किया जाए.
मालूम हो कि कोरोना माहामारी के दौरान मार्च 2020 से 5 जून 2021 तक 3071 बच्चे अनाथ और बेसहारा हुए है. महामारी की दूसरी लहर के दौरान 3621 बच्चे अनाथ हुए और 26176 बच्चों ने अपने माता पिता में से किसी एक को खोया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने ऐसे बच्चों की सही जानकारी अभी तक पोर्टल पर अपलोड नहीं की है. वहीं
कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई तय की गई.