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अपने हीरो को आखिरी सलामी देने उमड़े लोग, आंसुओं में डूबा चंडीगढ़


मिल्खा सिंह की अंतिम यात्रा: पाकिस्तान के गोविंदपुरा में जन्मे उड़न सिख मिल्खा सिंह शनिवार को अपनी अनंत यात्रा पर रवाना हो गए। जीवन में हर कठिनाई को पार कर मिल्खा सिंह ने वो पहचान बनाई कि दुनिया उनकी मुरीद बन गई। कोरोना जैसी नामुराद बीमारी ने उनका जीवन बेशक छीन लिया लेकिन वे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। चंडीगढ़ में शनिवार शाम जब उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई तो पूरा चंडीगढ़ अपने हीरो को सलामी देने उमड़ पड़ा। पढ़िए पल-पल के
किरेन रिजिजू और वीपी सिंह बदनौर का कार्यक्रम बदला केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू और वीपी सिंह बदनौर का कार्यक्रम बदल गया है। अब वह सीधे 5 बजे सेक्टर-25 के श्मशान घाट में पहुंचेंगे और महान धावक मिल्खा सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि देंगे। पहले वह दोनों सेक्टर-8 स्थित मिल्खा सिंह के घर पर आने वाले थे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी श्रद्धांजलि

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धावक मिल्खा सिंह के अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थल पर पहुंचे। अंतिम यात्रा पर चले ‘उड़न सिख’: अपने हीरो को आखिरी सलामी देने उमड़े लोग, आंसुओं में डूबा चंडीगढ़ पूर्व ओलंपियन पद्मश्री मिल्खा सिंह (91) का शुक्रवार देर रात पीजीआई चंडीगढ़ में निधन हो गया। फ्लाइंग सिख के नाम से दुनिया भर मे मशहूर मिल्खा सिंह 19 मई को कोरोना संक्रमित मिले थे। मिल्खा सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए उनके सेक्टर-8 स्थित आवास पर रखा गया है। पंजाब सरकार की तरफ से उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मिल्खा सिंह की याद में पंजाब में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। शनिवार को कई प्रमुख लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।