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अफगानिस्तान का अभेद्य किला रही पंजशीर घाटी पर कब्जा करने की ओर बढ़ रहा तालिबान


  • नई दिल्ली: तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान (Afganistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में कब्जा करने के साथ ही पूरे देश में अपना राज जमा लिया. अब उसकी नजर पंजशीर घाटी की तरफ है. पंजशीर प्रांत के ट्विटर अकाउंट से यह जानकारी दी गई है कि तालिबान (Taliban) पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर हमला करने और कब्जा करने के इरादे से आगे बढ़ गया है. अफगानिस्ता में अभी पंजशीर घाटी ही एक मात्र वह स्थान है जो तालिबान के कब्जे में नहीं है और यहीं से तालिबानी लड़ाकों को चुनौती भी मिल रही है.

पंजशीर के कमांडो के एक जवान ने कहा कि तालिबान अगर पंजशीर घाटी की तरफ आता है और हमला करता है तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा. हम तालिबानी लड़ाकों से लड़ने के लिए तैयार है. बता दें कि काबुल के उत्तर में बसी पंजशीर घाटी तालिबानी ताकतों का सबसे बड़ा विरोधी गढ़ है. खुद तालिबान इसे लेकर काफी चिंतित है.

सूत्रों की मानें तो अगर तालिबान पंजशीर की घाटी पर हमला करता है और कब्जा करने की कोशिश करता है तो यहां हजारों की संख्या में मौजूद विरोधी दल इसका कड़ा जवाब दे सकते हैं. बता दें कि पंजशीर घाटी काबुल से महज 125 किमी की दूरी पर स्थित है. इस घाटी का नाम पांच शेरों के नाम को मिलाकर बनाया गया है. दो दशक पहले भी तालिबान ने इस घाटी पर कब्जा करने की कोशिश की थी लेकिन वह इसमें नाकाम रहा था. कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति ने पंजशीर में शरण ली हुई है.