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अफगानिस्तान: तालिबान शांति समझौते के लिए तैयार, राष्ट्रपति को त्यागनी होगी सत्ता


दुनिया के सबसे अशांत देश की बात करें तो इस समय अफगानिस्तान का नाम सबसे ऊपर आएगा। अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ का मंजर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। तालिबान ने देश के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा जमा लिया है, ऐसे में तालिबान की ओर से एक बड़ा बयान आया है।
तालिबान ने कहा कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता ,लेकिन अफगानिस्तान में तब तक शांति नहीं हो सकती जब तक राष्ट्रपति अशरफ गनी सत्ता से नहीं हट जाते और देश में बातबीच के जरिए नयी सरकार नहीं बन जाती। तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने साक्षात्कार में यह बात कही। शाहीन वार्ता दल के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान उस वक्त हथियार डाल देगा जब गनी की सरकार चली जाएगी और ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो। शाहीन ने कहा,” मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते क्योंकि कोई भी सरकार, जिसने अतीत में अफगानिस्तान में सत्ता पर एकाधिकार रखने मंशा की, वह सफल सरकार साबित नहीं हुई।” उन्होंने इस आकलन में प्रत्यक्ष तौर पर तालिबान के खुद के पांच वर्ष के कार्यकाल को भी शामिल किया। साथ ही कहा,” इसलिए हम वही फॉर्मूला दोहराना नहीं चाहते।”
तालिबान के बड़े प्रवक्ता ने इस दौरान गनी को युद्ध को उकसाने वाला करार दिया और आरोप लगाया कि बकरीद के पर्व पर मंगलवार को उन्होंने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था। पिछले सप्ताह सरकार में नबंर दो की हैसियत रखने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दोहा में तालिबान नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की।