मालूम हो कि अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) को जड़ से खत्म करने के लिए साल 2001 में अमेरिकी और नाटो (NATO) देशों के सैनिकों की तैनाती की गई। इसके लगभग दो दशक बाद साल 2021 में अमेरिकी सैनिक देश छोड़कर चले गए और आनन-फानन में अपने पीछे सात बिलियन डॉलर की कीमत के अमेरिकी सैन्य उपकरण छोड़कर चले गए। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दिन की प्रदर्शनी में इन उपकरणों की भी झलक दिखाई गई।
मालूम हो कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को भेजने के पीछे कारण न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Centre) में हुआ हमला था जिसके पीछे आतंकी संगठन अलकायदा जिम्मेदार था। अमेरिका को शक था कि हमले के मुख्य आरोपी ओसामा बिन लादेन को यही छिपाकर रखा गया है।
अफगानिस्तान में 9/11 के हमले के साजिशकर्ताओं को धर दबोचने के लिए सेना का केंद्र बगराम एयरफील्ड (Bagram Air Field) रहा जिसे अमेरिकी सैनिकों ने धीरे-धीरे छोड़ दिया और अफगान सुरक्षा बल को सौंप दिया। बुधवार को इस पूरे समारोह का आयोजन इसी बगराम एयर बेस में किया गया जिसका प्रसारण लोकल टीवी चैनलों में भी कराया गया।
इस दिन तालिबान सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश की भी घोषणा की थी। रात के वक्त भी खूब पटाखे छोड़े गए। समारोह में तालिबान के प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद (Mullah Hassan Akhund ) ने कहा कि उन्होंने इस दिन के लिए 20 साल तक लड़ाई लड़ी है।
हालांकि, इस दौरान उन्होंने यह भी माना कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। उन्होंने दुनिया के अन्य देशों को अफगानिस्तान के साथ जुड़ने का आह्वान किया। मालूम हो कि 30 अगस्त , 2021 को अमेरिका का आखिरी सैनिक काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुआ था।