श्रीनगर, : जम्मू-कश्मीर को गुलाम कश्मीर से अलग करने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बेशक बीते एक साल से खामोशी है, लेेकिन श्री अमरनाथ यात्रा से पूर्व एलओसी के पार आतंकी शिविरों और लांचिंग पैड पर काफी हलचल हो रही है। संघर्ष विराम की आड़ में पाकिस्तानी सेना ने अपनी मोर्चेबंदी मजबूत करने के बाद आतंकी कैंप व लांचिंग पैड भी सक्रिय कर दिए हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, करीब 80 आतंकी जिनमें से अधिकांश अफगानिस्तान से लौटे हैं, इस समय कश्मीर में घुसपैठ के लिए उचित मौके का इंतजार करते हुए विध्वंसकारी गतिविधियों की ट्रेनिंग में व्यस्त हैं। उन्हें पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के एक दल के अलावा कुछ पुराने कश्मीरी आतंकी जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात और परिस्थितियों से भी अवगत करा रहे हैं। वहीं, भारतीय सेना पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि श्री अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। हर बार पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठन यात्रा में खलल डालने की साजिशें रचते हैं।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि पांच अगस्त, 2019 के बाद से भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों को भारी नुकसान पहुंचा था। इसके अलावा उसके कई सैनिक भी मारे गए हैं। हालांकि पाकिस्तानी सेना ने 2019 से फरवरी 2020 तक एलओसी पर भारतीय कार्रवाई में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या की कभी पुष्टि नहीं की है, लेकिन विभिन्न स्रोतों के मुताबिक, यह संख्या करीब 145 है। भारतीय कार्रवाई में लगातार होने वाले नुकसान को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने बीते साल फरवरी में एलओसी पर संघर्ष विराम समझौते की पुनर्बहाली की इच्छा जताई थी। भारत ने इसका सकारात्मक जवाब दिया और उसके बाद से एलओसी पर स्थिति लगभग शांत बनी हुई है।