पटना

अयोग्य घोषित किये गये नौबतपुर के पार्षदों को कोर्ट ने ठहराया योग्य


राज्य निर्वाचन आयोग पर लगाया जुर्माना

नौबतपुर (आससे)। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नौबतपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष समेत तीन पार्षदों को पदमुक्त करने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। साथ हीं कोर्ट ने निर्वाचन आयोग पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। निर्वाचन आयोग ने नौबतपुर नगर पंचायत के वार्ड नं.14 के पार्षद अध्यक्ष सरयुग मोची,वार्ड नं. 2 के पार्षद विजय पासवान और वार्ड नं. 6 की पार्षद पूनम देवी को वर्ष 2008 के बाद दो से अधिक संतान होने के आरोप में पदमुक्त कर दिया था।

आयोग के इस फैसले की वैधता को चुनौती देते हुए अध्यक्ष समेत तीनों पार्षदों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए तीनों पार्षदों की सदस्यता को बहाल कर दिया और नियमों की अनदेखी करने के कारण आयोग पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि वार्ड नं. 11 की पार्षद एवं पूर्व नगर अध्यक्ष कौशल कौशिक की पत्नी उषा कौशिक ने अध्यक्ष सरयुग मोची,पार्षद विजय पासवान एवं पूनम देवी के खिलाफ चुनाव में नामांकन के दौरान दो से अधिक संतान होने संबंधी साक्ष्य को छुपाने का आरोप करते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत वाद संख्या 12/20 दायर की थी।

उषा कौशिक द्वारा निर्वाचन आयोग को दिय गये शिकायत मे यह कहा गया था की तीनों पार्षदों द्वारा चुनाव के समय अपने संतान के संबंध मे गलत जानकारी देकर चुनाव लड़ा गया था।तीनों पार्षदों के तीसरे संतान का जन्म 4 अप्रैल 2008 के बाद हुआ है। नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 का उल्लंघन है।अधिनियम के मुताबिक,तीसरे संतान का जन्म 4/4/2008 के बाद नहीं होना चाहिए अन्यथा वे अयोग्य माने जायेंगे।

उषा कौशिक की ओर से अधिवक्ता एस. बी.के मंगलम और प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता विश्व विभूति सिंह द्वारा दलील दी गई थी।दोनों पक्ष की दलील सुनने और जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में जांचोपरांत राज्य निर्वाचन को उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों के अवलोकन के पश्चयात अंतत सचिव राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना आदेश पारित करते हुये तीनों को पदमुक्त कर दिया था।