पटना

अरवल: राष्ट्रीय राजमार्ग पर बालू माफि़याओं का कब्जा, लग रहा भीषण जाम


चालीस किमी लगे लम्बे जाम के कारण रेंग रही गाड़ियां

अरवल। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 139 पर बालू माफि़याओं का पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। सड़क पर आम गाड़ियां कम, और बालू लदे बड़े-बड़े कंटेनर व ट्रक ज्यादा नजर आ रहे हैं। यहां बता दें कि सूबे के अधिकांश जिलों में बालू घाट बन्द है, पर अरवल में जमकर बालू का कारोबार हो रहा है। यहां प्रतिदिन बालू के उठाव को लेकर बड़ी संख्या में गाड़ियां पहुंच रही हैं। इधर पुलिस प्रशासन आराम से गहरी निंद्रा में सोयी दिखाई दे रही है। प्रशासन को ना तो जाम नजर आ रहा है और ना ही जाम लगने की वजह बनने वाले बालू लदे बड़े-बड़े ये वाहन।

तीन दिनों से लगा है चालीस किमी लम्बा जाम

इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले तीन दिनों से 40 किलोमीटर लम्बा भीषण जाम लगा हुआ है। पटना-अरवल बॉर्डर कोरियम चौकी से अरवल-औरंगबाद बॉर्डर ठाकुर बिगहा तक वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। इस जाम की वजह से लंबी दूरी तय करने वाले वाहन पिछले कई घंटों से इसमें फ़ंसे हुए हैं। इतना ही नहीं, इस जाम के कारण मरीज ले जा रहे एंबुलेंस भी दो-दो तीन-तीन घंटों तक जाम में फ़ंसे नजर आ रहे हैं, जिससे मरीज एंबुलेंस में ही तड़प रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कोई ठोस पहल करता नजर नहीं आ रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे जिला प्रशासन गहरी निंद्रा में सो गया है।

बालू लदे वाहनों से भरी है सड़क

बता दें कि बिहार के अधिकांश जिलों के बालू घाट बन्द है। लेकिन, अरवल में यह कारोबार खूब फ़ल फ़ूल रहा है। इसका नतीजा यह है कि सूबे के कई जिलों से बालू लोड करने के लिए यहां प्रत्येकदिन गाड़िया आ रही है। सड़कों पर खड़े इन बड़े-बड़े ट्रक व कंटेनर के कारण स्तिथी भयानक बनी हुई है। इस मार्ग से गुजरने वाला हर व्यक्ति इस गाड़ियों को सड़क के किनारे खड़ा आसानी से देख सकता है, परन्तु स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए ये गाड़िया मानो जैसे मिस्टर इंडिया हो गया है। पुलिस प्रशासन सड़क से इन गाड़ियों को हटवाने का प्रयास तक करते नजर नही आ रही है।

ट्रैफि़क व्यवस्था पूरी तरह से हुई धवस्त

जाम की वजह से एक तरफ़ आम लोग परेशान हैं तो वहीं ट्रैफि़क व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो चुकी है। यह हाल जिला मुख्यालय का है, जहां जिले के वरीय पदाधिकारी प्रत्येक दिन इसी मार्ग से अपने कार्यालय में आवाजाही करते हैं। इस रास्ते से जिले के वरीय अधिकारी अपने आवास से कार्यालय आते-जाते हैं, लेकिन अधिकारियों को इस जाम से कोई फ़र्क पड़ता नजर नही आ रहा है।