रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। बाबा बिशुराऊत हॉस्पिटल संचालक डॉ. रिकेंश कुमार रवि की काली करतूतें सामने आने, प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यवाही में गिरफ्तार होने की बात सामने आते ही रूपौली मदर्स हॉस्पिटल में वीरानी छा गई। मदर्स हॉस्पिटल रूपौली में कार्यरत सभी कर्मी अचानक बोरिया बिस्तर समेत रफूचक्कर हो गए। जो यहां के आमजन को सकते में डाल कर रख दिया। स्थानीय रूपौली निवासियों के मन और दिल में बस अब सिर्फ यही बातें घुम रही है कि अल्प समय में जो लूटे सो लूटे। किन्तु काफी संख्या में लूटने से यहाँ के आमजन बचे।
बता दें कि चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित थाना के सामने पिछले दो वर्षों से संचालित बाबा बिशुराऊत हॉस्पिटल का संचालन अवैध रूप से बेगूसराय जिला के साहेब पुर कमाल निवासी डॉ. रिकेंश कुमार रवि के द्वारा किया जा रहा था। बीते शुक्रवार को मधेपुरा जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा के निर्देश के आलोक में जब अनुमंडलाधिकारी राजीव रंजन सिन्हा और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार के नेतृत्व में छापामारी किया गया तो नर्सिंग होम प्रबंधन का कुकृत्य सामने आया। मौके पर ही आलाधिकारियों ने बाबा बिशुराऊत हॉस्पिटल संचालक डॉ. रिकेंश कुमार रवि सहित चार सहयोगियों को पुलिस हिरासत में ले लिया।
वैसे तो दो महिला सहयोगी हॉस्पिटल की परिचारिका को कागजी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर फिलहाल छोड़ दिया गया है। जबकि संचालक डॉ. रिकेंश कुमार रवि और तकनीशियन नवीन कुमार यादव को सलाखों के अन्दर भेज दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार डॉक्टर का जालसाजी अवैध कारोबार का सफर गत पांच वर्ष पूर्व ही खगड़िया जिला के बेलदौर प्रखंड से शुरू हुआ था। जहाँ प्रशासन के आंखों में धूल झोंक गिरफ्तारी से बच निकला था।
वहीं दूसरा ठिकाना बाबा बिशुराऊत हॉस्पिटल चौसा में प्रसिद्धि प्राप्त बाबा बिशुराऊत के नाम को कलंकित करने का काम बेरोकटोक जारी कर रखा था। किन्तु पाप घड़ा दो वर्षों में ही भरकर फट गया।गिरफ्तार डॉ.रवि का बेलदौर से चौसा और चौसा से रूपौली तक अपने नर्सिंग होम का संचालन स्थानीय लोगों की मदद, रसूख और पार्टनरशिप के बल पर करते आ रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंडल कारा में बंद डॉ. रिकेंश कुमार रवि ,नवीन कुमार यादव यादव की गिरफ्तारी के तत्काल बाद ही रूपौली मदर्स हॉस्पिटल से अधीनस्थ कर्मियों ने डॉ. रवि से सम्बंधित सभी कागजातों को तत्काल कहीं हटा कर रख दिया गया। वहीं हॉस्पिटल का बंद हो जाना, हॉस्पिटल में कार्यरत कर्मियों का भाग जाना, नर्सिंग होम के आसपास आशा कार्यकर्ता, ममता कार्यकर्ताओं का मंडराते रहना कई सवालों को छोड़ रहा है। अमूमन इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि निश्चित रूप से मदर्स हॉस्पिटल रूपौली में भी डॉ. रिकेंश कुमार रवि का गोरखधंधा ही चल रहा था।