पटना

आईसीडीएस की बैठक में- मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सभी पात्र कन्याओं को आच्छादित करने का दिया गया निर्देश


बिहारशरीफ (आससे)। प्रभारी जिलाधिकारी-सह-अपर समाहर्ता नौशाद अहमद की अध्यक्षता में आज आईसीडीएस की समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सभी पात्र कन्याओं को आच्छादित करने का निर्देश दिया गया। इस योजना के क्रियान्वयन में 90 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले सभी परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर सभी पात्र कन्याओं को आच्छादित करने का निर्देश दिया गया।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं का समय से निबंधन कराते हुए तीन चरणों में देय 5000 रुपये की राशि का भुगतान निर्धारित समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

कोविड-19 के टीकाकरण के प्रथम डोज एवं विशेष रूप से द्वितीय डोज के लिए सभी विभागीय कर्मियों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। इस संबंध में बताया गया कि टीका का प्रथम डोज प्राप्त करने वाले कर्मियों को दूसरे डोज के लिए मोबाइल पर मैसेज नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में प्रभारी जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन से दूरभाष पर बात कर इस समस्या का निराकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। सेविका-सहायिका की रित्तिफ़यों को भरने के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इस प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।

आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की उपलब्धता हेतु कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को दिया गया। पूर्व की योजना से निर्माणाधीन /अर्धनिर्मित आंगनवाड़ी केंद्र भवनों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ताकि संबंधित एजेंसी के माध्यम से भवन निर्माण का कार्य पूर्ण कराने हेतु कार्रवाई की जा सके।

विभागीय निदेश के आलोक में जन वितरण प्रणाली में अवितरित  चना को लाभुकों के बीच वितरण हेतु आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर उठाव का निर्देश दिया गया था। आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा इसका उठाव कराया गया है। कुछ जगहों पर चना की गुणवत्ता उपयुक्त नहीं पाई गई है, जिसके बारे में संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई। प्रभारी जिलाधिकारी ने चना का सैम्पल भी मंगा कर देखा।

उन्होंने कहा कि जहाँ भी चने की गुणवत्ता उपयुक्त नहीं है, संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी लिखित रूप में प्रतिवेदित करें। इससे संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए विभाग को रिपोर्ट करने का निदेश दिया गया। बैठक में सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे।