- रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम (Asaram ) के बेटे नारायण साईं (Narayan Sai) को दो हफ्तों का फरलो देने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कि अध्यक्षता वाली पीठ ने गुजरात सरकार की याचिका पर नारायण साई को हाईकोर्ट द्वारा दी गई फर्लो को रद्द कर दिया. गुजरात हाई कोर्ट की सिंगल पीठ ने 24 जून को नारायण साई को फरलो की मंजूरी दी थी. इससे पहले दिसंबर 2020 में हाईकोर्ट ने साई की मां की तबीयत खराब होने के कारण उसे फरलो दी थी.
गुजरात सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साई को ‘फरलो ‘ नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह जेल के अंदर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. साईं ने इस आधार पर ‘फरलो’ मांगी है कि उसे पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए अपने पिता आसाराम की देखरेख करनी है. दरअसल, सूरत की एक कोर्ट ने नारायण साई को 26 अप्रैल 2019 को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (षड्यंत्र) के तहत दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी.