अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखने वाले, संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को हिंसा रोकने का आह्वान करने वाला प्रेस बयान जारी करने से रोक दिया है. उसके अनुसार, यह इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को समाप्त करने के कूटनीतिक प्रयासों में मददगार नहीं होगा.
राजनयिकों ने कहा कि परिषद के 14 अन्य सदस्यों ने चीन, ट्यूनीशिया और नॉर्वे की तरफ से प्रस्तावित बयान का समर्थन किया है, लेकिन सुरक्षा परिषद प्रेस एवं अध्यक्ष की ओर से जारी बयानों को सभी 15 सदस्यों की मंजूरी की जरूरत होती है. हालांकि, कानूनी रूप से बाध्य प्रस्तावों के लिए मंजूरी जरूरी नहीं है. इनके लिए पक्ष में नौ मतों की और स्थायी सदस्य द्वारा वीटो न किए जाने की जरूरत होती है. इससे अमेरिका संघर्षविराम के आह्वान के पक्ष में, या इसे टालने या वीटो करने की स्थिति में है.झांग ने संवाददाताओं को बताया कि चीन, ट्यूनीशिया और नॉर्वे ‘ने हमारे प्रयासों को छोड़ा नहीं है और मसौदा बयान अब भी चर्चा के लिए है. हम हमारे प्रयास जारी रखेंगे…., यह सुनिश्चित करेंगे कि सुरक्षा परिषद अपना जनादेश एवं जिम्मेदारियां पूरी करे.’