- नई दिल्ली, कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए सरकार ने अर्थव्यवस्था की रिकवरी में तेजी के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार जल्द से जल्द इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के काम में तेजी लाना चाहती है, ताकि आर्थिक पहिये की रफ्तार तेज की जा सके। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी मंत्रालयों को इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर होने वाले खर्च में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए।
उन्होंने सभी मंत्रालयों से इस काम में निजी क्षेत्र को सहयोग करने के लिए भी कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को ताकत देने में पूंजीगत खर्च में होने वाली बढ़ोतरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों से उन्होंने अपने-अपने मंत्रालय से संबंधित बड़ी परियोजनाओं पर होने वाले खर्च में तेजी लाने के लिए कहा ताकि उन परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
उन्होंने सभी मंत्रालयों व सार्वजनिक कंपनियों से एमएसएमई के बकाए का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए भी कहा। विभिन्न मंत्रालयों व वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने सार्वजनिक कंपनियों के पूंजीगत खर्च की भी समीक्षा की। समीक्षा के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में घोषित पूंजीगत खर्च व इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर होने वाले निवेश को लेकर चर्चा की गई।
सीतारमण ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च में केंद्र सरकार का सिर्फ बजट प्राविधान वाले खर्च ही शामिल नहीं होते हैं, इनमें बजटीय प्राविधान के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से जुड़े खर्च भी शामिल होते हैं। इसलिए मंत्रालयों को इन परियोजनाओं के फंड के लिए सक्रियता दिखानी चाहिए और उन्हें सार्वजनिक -निजी सहभागिता के आधार पर भी प्रोजेक्ट के फंड के लिए प्रयास करना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत खर्च के लिए 5.54 लाख करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है जो गत वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 34.5 फीसद अधिक है।