पटना

उत्तर बिहार में बारिश से नदियां उफान पर, स्थिति गंभीर; मुजफ्फरपुर में डूबने से 3 की मौत


पटना (आससे)। उत्तर बिहार में बीते 24 घंटे में हुई बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में फिर से वृद्धि होने लगी है। गंडक और बूढ़ी गंडक में पानी बढऩे से पूर्वी चम्पारण के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समस्याएं बढ़ गई है। इधर, समस्तीपुर में बागमती, बूढ़ी गंडक और करेह का पानी बिथान सहित पांच प्रखंडों में यथावत है। फिलहाल नदियों का जलस्तर सामान्य है। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर जहां घट रहा है वहीं गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। लेकिन जल्द ही पहाड़ी समेत अन्य नदियों में जलस्तर बढऩे की आशंका जताई जा रही है।

बागमती में उफान के कारण मुजफ्फरपुर के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थित एक बार फिर गंभीर हो गई है। औराई,कटरा और गायघाट के नए इलाकों में पानी फैलने लगा है। लगातार बारिश के कारण बांध पर शरण लिए हुए लोगों के सामने भी गंभीर स्थिति उत्पन्न होने लगी है। वहीं बूढ़ी गंडक में पानी स्थिर रहने के कारण शहरी इलाकों की स्थिति यथावत बनी हुई है। रविवार को गायघाट में डूबने से तीन और शहरी में एक की मौत हो गई।

मोतिहारी के सिकरहना नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद कटाव का खतरा तेज हो गया है। सिकरहना नदी की धार से सुगौली प्रखंड के भेड़हिारी गांव पर कटाव का खतरा बढ़ गया है। तेतरिया प्रखंड के कई गांव बाढ़ से घिरे हैं। केसरिया के मझरिया व मुजवनिया गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बंजरिया प्रखंड के कई गांवों का आवागमन विगत एक माह से बाढ़ से बाधित है। जिले के एक दर्जन प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट आई है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर स्थिर होने के बावजूद लाल निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर है। गंडक चटिया में जलस्तर स्थिर बना है। गंडक बराज वाल्मीकिनगर ने रविवार को 1,73,600 क्यूसेक पानी छोड़ा है।

समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर जहां घट रहा है वहीं गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। रविवार सुबह 6.00 बजे समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक 47.85 मीटर रहा। उधर, मोहनपुर में सरारी में गंगा का जलस्तर सुबह 6 बजे 44.05 मीटर रहा। प्रवृत्ति जलस्तर के बढऩे की है। इस स्थल पर खतरे का निशान 45.50 मीटर है। खानपुर के सिवैसिंगपुर व नत्थुद्वार के चार-चार वार्डों में बूढ़ी गंडक का फैल गया है। बिथान, हसनपुर, रोसड़ा, सिंघिया के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति यथावत है। बाढ़ के कारण पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।

मधुबनी में नदियों के जलस्तर में लगातार कमी आ रही है। कमला, कोसी और धौंस नदी खतरे के निशान से नीचे चली गई है। वहीं मधेपुर में नदियों में पानी घटने के बाद कटाव जारी है। इससे लोगों को लगातार परेशानी हो रही है।

दरभंगा के बेनीपुर और बिरौल प्रखंड में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। कमला-बलान और जीवछ नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से दोनों प्रखंडों की एक दर्जन से अधिक पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इससे करीब 50 हजार लोग प्रभावित हैं। कच्चे घरों के गिरने से लोग विस्थापित होने को विवश हैं। कई ग्रामीण सड़कों पर पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। दोनों प्रखंडों में सरकारी स्तर पर अब तक राहत कार्य शुरू नहीं किये जाने से लोगों में आक्रोश दिख रहा है।