पटना

‘एक मिलियन स्मार्टफोन की रीसाइकिल से 24 किलो सोना’


गैरजरूरी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी से बचें : डॉ. घोष

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। एक मिलियन स्मार्टफोन के रीसाइकिल होने से 24 किलोग्राम सोना, 900 किलो कॉपर, ढाई सौ किलो सिल्वर और नौ किलो पैलेडियम प्राप्त हो सकता है। ये बातें शुक्रवार को यहां ए. एन. कॉलेज में ई-वेस्ट अवेयरनेस कार्यशाला में स्वयंसेवी संगठन ‘करो संभव’ के अधिकारी अभिषेक कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में 53.6 मिलीयन मेट्रिक टन का ई-कचरा पैदा कर रहा है। 2020 से 2030 के बीच इसमें 38 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी जा रही है।

विश्व के प्रमुख ई-वेस्ट पैदा करने वाले देशों में चीन प्रथम स्थान पर, अमेरिका द्वितीय स्थान पर और भारत तृतीय स्थान पर है। भारत में क्रमश: सबसे ज्यादा कचरा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से निकलता है। कुल इ-वेस्ट के 95 प्रतिशत वेस्ट का निष्पादन अनाधिकृत वेंडरों द्वारा अवैज्ञानिक तरीकों से किया जाता है। इसके कारण मानव के स्वास्थ्य और वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ-साथ निर्माताओं की भी जिम्मेदारी है कि ई-वेस्ट का दुष्प्रभाव कम करने के लिए आवश्यक कदम उठायें।

मुख्य अतिथि के रूप में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष ने कहा कि सरकार के साथ-साथ सभी लोगों के प्रयास से ही कोई भी परिवर्तन संभव है। ई-वेस्ट कम करने के लिए जानकारी और नियमों का अनुपालन होना चाहिये। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के प्रयास से सभी बड़ी कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटरों ने ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर खोला है। डॉ. घोष ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि गैरजरूरी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी से बचें।

प्रारंभ में प्रधानाचार्य प्रो. एस. पी. शाही ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम अपने घरों और उद्योगों में जिन इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को इस्तेमाल के बाद फेंक देते है, वही ई-कचरा कहलाता है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब इस कचरे का उचित तरीके से कलेक्शन नहीं किया जाता। इससे निपटने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी की जॉइंट कोऑर्डिनेटर डॉ. रत्ना अमृत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. तृप्ति गंगवार ने किया। इस अवसर पर डॉ.अरुण कुमार, डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह, डॉ. शबाना करीम, डॉ. पुष्पा कुमारी, डॉ. ज्योति पांडेय, डॉ. निमिषा, डॉ. मानसी एवं डॉ. नरेंद्र भी उपस्थित थे।