सुबह से ही पूजा की तैयारी में लगे रहे लोग
पटना (आससे)। सावन की प्रथम सोमवारी में शिवालय बंद रहे किन्तु जहां मंदिर के समीप वटवृक्ष है, उन स्थानों पर और जहां मंदिर की घेराबंदी नहीं है, ऐसे स्थानों में सोमवारी पर जलाभिषेक एवं पूजन का सिलसिला प्रात: काल से ही आरंभ हुआ और अपराह्न तक जारी रहा।
संत पशुपतिनाथ वेद विद्यालय में पशुपतिनाथ बाबा महाराज की परंपरानुसार सावन की सोमवारी पर भगवान शिव-शव का रुद्राभिषेक कॉलेज के प्राचार्य पं. अक्षय तिवारी और आचार्य पं.अजित तिवारी ने बटुक ब्रह्मचारियों के साथ रुद्राभिषेक किया। शिव महिम्न स्रोत, शिव तांडव स्रोत, रुद्राष्टक आदि का पाठ किया गया।
अधिकांश शिवभक्त श्रद्धालुओं ने अपने घर में ही फूल, बेलपत्र, गंगाजल आदि जुटाकर भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक किया।
प्रथम सोमवारी का सायंकाल कोरोना काल के प्रभाव में शिव भजन संकीर्तन एवं सत्संग से वंचित रहा। शिवालय में पुजारियों ने की भगवान शिव की पूजा, अभिषेक, शृंगार, आरती। महावीर मंदिर के पुजारी गर्दनीबाग के पुरोहित पं. गणपति मिश्र ने कहा कांवर यात्रा या शिलान्यास में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक का अवसर नहीं मिला, किन्तु घर में भी भगवान शिव की पूजा भक्ति का समुचित लाभ लिया जा सकता है। अपने भक्तों के बारे में माता पार्वती से भगवान शिव कहते हैं- ‘यमेन नियमेनैव मन्ये भक्त इतिस्वयम्। स्थिरासन समायुक्तों महेश्वर पदान्वित॥’
अर्थात्, जो यम नियम से युक्त होता है वह स्वत: मेरा भक्त बन जाता है और जो आसन को स्थिर करके मेरा ध्यान लगातार है उसे महेश्वर पद प्राप्त होता है। यम नियम में शामिल है अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान। इसका पालन सावन में घर पर रहकर भी किया जा सकता है शिवभक्ति प्राप्त करने के लिए।
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि कल श्रावण के प्रथम सोमवारी पर धनिष्ठा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग के होने से पुण्यकारी संयोग बना था। श्रद्धालुओं ने इस योग में शिव-पार्वती को दूध, दही, घी, मधु, ईख के रस व गंगाजल आदि से अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धथूर, समी, अकवन पुष्प आदि से पूजा कर मनचाहा वर मांगा ढ्ढ मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से आयु, आरोग्य, यश, वैभव का वरदान मिलता है।
ज्योतिषी झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि सावन मास के द्वितीय एवं चतुर्थ सोमवारी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। शुक्ल पक्ष में अष्टमी-नवमी एक दिन होने से इस बार सावन 29 दिनों का रहेगा। सभी योगो में सर्वार्थ सिद्धि योग सबसे उत्तम माना गया है। इस योग शुध्द अंत:करण से भगवान सदाशिव की आराधना करने से मनचाहा वर मिलता है। सभी कार्य सिद्द हो जाते है। खुशहाल वैवाहिक जीवन का आनंद प्राप्त होता है। विशेषकर यह संयोग कुंवारे या जिनकी शादी में विलम्ब हो रहा है, उन्हें जल या दूध में हल्दी मिलकर भगवान शिव को अर्पण करने से मनोकामना पूरा होगा।
कोरोना पर आस्था भारी
फुलवारी शरीफ। यह दूसरा मौका है जब सावन की पहली सोमवारी पर कोरोना के खौफ को भूलकर लोग शिवालयों और मंदिरों में बाबा भोले बम के जयकारे लगाते जलाभिषेक करते नजर आए। कोरोना वायरस पर सोमवार को शिव भक्तों की आस्था भारी पड़ी। महिला श्रद्धालुओं ने कहा कि कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए भी महादेव के दरबार में जल चढ़ा कर अर्जी लगाई जा रही है। भोले नाथ सारा दुख संकट व कष्ट खुद पीकर सृष्टि प्रकृति और सम्पूर्ण मानव जाति को कोरोना से मुक्ति दिलाएंगे।
प्रतिबंध के बावजूद सभी प्रमुख मंदिरों व शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ को नियंत्रित किया जाता रहा। प्रशासन के लोग एक-एक कर जल चढ़ाने की अपील करते रहे जबकि ग्रामीण इलाके में मंदिरों में कोरोना का कोई खौफ नही दिखा। ग्रामीण इलाक़े में न मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ। श्रद्धालु बेखौफ मंदिरों में भगवान शिव की प्रतिमा, शिवलिंग व गर्भगृह में जलाभिषेक करते रहे। इस कारण पूरे दिन सोमवार को मंदिर व शिवालयों के घंट गूंजते रहे।
राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ, संपतचक, जानीपुर, परसा बाजार, गौरीचक, बेलदारीचक, रामकृष्णा नगर, अनीसाबाद, बेउर समेत शहरी व ग्रामीण इलाकों के शिव मंदिरों में सुबह से ही महिला श्रद्धालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना कर रही हैं। वहीं इस बार कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए महादेव से प्रार्थना भी की जा रही हैं।
वैसे तो पूरा सावन माह ही बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन सावन माह के सोमवार का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि सावन का सोमवार भगवान शिव को बेहद पसंद हैं। इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा श्रावणी मेला पर कांवर यात्रा, जलाभिषेक आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन इसकी परवाह किए बिना लोग सावन की पहली सोमवारी को मंदिर व शिवालयों में श्रद्धा के साथ भगवान शिव के दर्शन किए।
भक्तों के बिना सुनसान रहा शिवालय
पटना सिटी (आससे)। क्षेत्र के गायघाट गौरी शंकर मंदिर, मल्या महादेव मंदिर, मुक्तिेश्वर नाथ मंदिर, तीलेश्वर नाथ मंदिर, पीतल महादेव मंदिर समेत अन्य मंदिर प्रथम सोमवार को कोरोना गाइड लाइन के कारण बिना भक्तों के सुनसान रहा। हलांकि कुछ शिव मंदिर में महिलाओं व लड़कियों ने बाबा भोले नाथ का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की।
इस मौके पर गौरी शंकर मंदिर प्रबंधक कमेटी के सदस्यों का कहना हैं कि मंदिर में बाबा भोलेनाथ को बेलपत्त, फूलमाला, धतुरा, चंदन से पूजा की गयी साथ ही रात्रि में भव्य श्रृंगार किया गया। साथ ही चौक थाना, गौरी शंकर मंदिर के पास लगने वाले सोमवारी मेला नहीं लगी। इस संबंध में शक्तिपीठ बड़ी पटन देवी के महंत विजय शंकर गिरी ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालूभक्तों के बिना धार्मिक अनुष्ठान किया गया।