राष्ट्रीय

कंस्ट्रक्शनके लिए २९ पेड़ काटनेकी इजाजत


नयी दिल्ली (आससे.)। सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह अपनी नयी बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन के लिए 29 पेड़ों को काट सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल इंपावरिंग कमिटी के शर्तों के हिसाब से आईआईएमसी अपनी बिल्डिंग अकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस और होस्टल बनाने के लिए पेड़ काट सकती है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी की नियुक्ति कर रखी है और उसने मामले को एग्जामीन किया है और कछ शर्तों के साथ इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीईसी ने टॉप कोर्ट को सिफारिश करते हुए कहा है कि कुछ शर्तों क साथ इजाजत दी है। इसके तहत आईआईएमसी को सेंक्शन प्रोजेक्ट कॉस्ट का पांच फीसदी रिज मैनेजमेंट बोर्ड फंड में जमा करना होगा।
दिल्ली सरकार का वन विभाग इस फंड का इस्तेमाल कर सकेगा। इस फंड का इस्तेमाल रिज एरिया के संरक्षण और प्रोटेक्शन के लिए इस्तेमाल होगा। साथ ही कहा गयाहै कि जो भी कंस्ट्रक्शन होगा वह किसी भी तरह से वहां से निकलने वाले पानी को नहीं रोकेगा। जो भी बिल्डिंग बनेगी उसके छत को सोलर इनर्जी के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। वर्षा जल का रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इस्तेमाल होगा। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए जो पेड़ काटना अत्यंत जरूरी है वही पेड़ काटे जायेंगे।