राष्ट्रीय

कई दलोंने किया अभिभाषणका बहिष्कार


संसद परिसरमें महात्मा गांधी की मूर्तिके सामने प्रदर्शन
नयी दिल्ली (आससे.)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने पार्टी सांसदों के साथ संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने नये कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया और इन्हें वापस लेने की मांग की। राहुल ने कहा है कि सरकार कृषि कानूनों के सहारे किसान मंडियों को समाप्त करने और चंद पूंजीपति दोस्तों का फायदा पहुंचाना चाहती है। राहुल ने प्रदर्शन के बाद कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सभी किसानों को तीनों कृषि कानूनो को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर इन कानूनों की इजाजत दी गयी तो देश का किसान अपने अनाज की कीमत तय नहीं कर पायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कानूनों पर किसानों का मांग को मानने की बजाय मोदी सरकार उन्हें तरह-तरह से परेशान कर रही है। वहीं, संसद भवन परिसर में प्रदर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार का मतलब ये नहीं है कि वह अपमान कर रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि हम किसानों की मांगों के साथ खड़े हैं, जो नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार का यही बड़ा कारण है. हम उस वक्त चर्चा करेंगे जो चर्चा और णन्यवाद प्रस्ताव होगा। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध कर रहे हैं और किसानों के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। हमें सेंट्रल हॉल में आने की इजाजत नहीं दी गई थी, इसलिए हम गेट पर ही नारे लगा रहे हैं। किसानों को गद्दार बताया जा रहा है। इसलिए, हम अभिभाषण का विरोध कर रहे हैं।वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) सांसद हनुमान बेनिवाल ने बैनर दिखाया और नारेबाजी कर संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. इसके साथ ही, कृषि कानूनों के विरोध में वामदलों के सांसदों ने प्रदर्शन मार्च किया।