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कई राज्यों में मिले ब्लैक फंगस से पीड़ित कोरोना मरीज, इस बीमारी का प्रमुख कारण


  • नई दिल्ली, । कोरोना मरीजों के लिए ब्लैक फंगस नया खतरा बनकर उभरा है। गुजरात, महाराष्ट्र और नई दिल्ली के बाद सोमवार को कई अन्य राज्यों में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। मेरठ के न्यूटीमा अस्पताल में कोरोना संक्रमित दो मरीजों में ब्लैक फंगस मिलने की पुष्टि हुई है। मरीज की हालत गंभीर है। इनमें एक मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी सतीश चंद्र अग्रवाल हैं जिनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था जबकि दूसरे बिजनौर निवासी मनोज सैनी हैं।

यह बीमारी उन मरीजों में ज्यादा है, जो इम्युनोसप्रेशन की दवाएं लेते हैं या जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। इसी तरह बिहार की राजधानी पटना में चार जबकि झारखंड की राजधानी रांची में सात कोरोना पीड़ितों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। इसी तरह ओडिशा में 71 वषर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है।

ब्लैक फंगस को लेकर आइसीएमआर ने जारी की गाइडलाइन

वही, ब्लैक फंगस इंफेक्शन के संबंध में आइसीएमआर ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि अनियंत्रित डाइबिटीज और आईसीयू में ज्यादा दिन बिताने वाले कोविड के मरीजों में ब्लैंक फंगस का असर ज्यादा देखा जा रहा है। अगर समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो यह बीमारी मरीज के लिए घातक हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके इलाज और प्रबंधन से संबंधित एडवाइजरी जारी करके लोगों को सचेत किया है कि श्लेष्मा (Mucormycosis) हवा में सांस लेने से यह फंगस बॉडी के अंदर चला जाता है जो लंग्स को संक्रमित कर देता है।