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कर्नाटक में कालेज खुलने पर बुर्का पहनकर पहुंचीं मुस्लिम छात्राएं, सुरक्षाबलों की थी तैनाती


बेंगलुरु, : कर्नाटक में बुधवार को प्री-यूनिवर्सिटी कालेज और डिग्री कालेज खुले तो हिजाब विवाद बुर्का तक पहुंचता नजर आया। कई जिलों में बुर्का पहनकर बड़ी संख्या में छात्राएं कालेज पहुंचीं, हालांकि किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि सभी को कोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन करना ही होगा और अब इस मामले में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। वैसे पहले दिन कुछ एक घटनाओं को छोड़कर कक्षाएं सामान्य रूप से चलीं। परंतु, हिजाब पहनने की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंची छात्राएं कालेज नहीं पहुंचीं।

बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती

विवाद को देखते हुए सभी संवेदनशील इलाकों में प्री-यूनिवर्सिटी कालेजों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई थी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। कई जिलों में धारा 144 भी लगाई गई है। उडुपी, शिवमोगा, बीजापुर, कलबुर्गी और यदगीर जिलों में विभिन्न सरकारी प्री-यूनिवसिर्टी कालेजों में कुछ छात्राएं हिजाब की जगह बुर्का पहनकर पहुंचीं और कक्षा में जाने पर अड़ी रहीं। हिजाब की बात दूर है, वो बुर्का उतारने को तैयार नहीं थीं। कहीं भी बुर्का पहनकर छात्राओं को कालेज में नहीं जाने दिया गया। उडुपी के सरकारी पीयू कालेज के प्रिंसिपल रुद्र गौडा ने कहा कि जिन पांच छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, वो कालेज नहीं आईं। जिले के कुंदपुर में भी 23 छात्राएं कालेज नहीं पहुंचीं। पिछले हफ्ते हिजाब पहनने की जिद पर उन्हें अलग कक्षा में बिठाया गया था।

छात्राओं के लिए आस्था का ज्यादा महत्व

सरकारी आदेश मानने से इंकार शिवमोगा में बुर्का पहनकर कालेज में जाने से रोके जाने वाली छात्राओं का कहना था कि उनके लिए सरकारी आदेश से ज्यादा महत्व उनकी आस्था का है। उनका कहना है था कि वो किसी भी कीमत पर बुर्का उतारकर कालेज में नहीं जाएंगी।

कोर्ट के आदेश का पालन करें

राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने सभी छात्र-छात्राओं से हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ने कहा कि निर्धारित ड्रेस में ही छात्र-छात्राओं को कालेज में जाने की अनुमति होगी। आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने छात्र-छात्राओं से अनुरोध किया कि वे कक्षा में जाएं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। डिग्री कालेज में कोई ड्रेस कोड नहीं है, लिहाजा छात्र-छात्राओं को उनकी पसंद के कपड़े में जाने दिया गया।

राजधानी बेंगलुरु में पुलिस ने मालेश्वरम में छात्राओं को हिजाब और बुर्का पहनकर कालेज में जाने के लिए उकसाने के आरोप में कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। पुलिस ने पहले उन्हें चेतावनी दी, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता कोर्ट का आदेश दिखाने को कहने लगे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।