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कर्नाटक में ब्लैक फंगस के 1,370 मामले दर्ज,


  • कोरोना महामारी के साथ-साथ ब्लैक फंगस (Black Fungus) भी लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. कई राज्‍यों में म्यूकोरमाइकोसिस या ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक कर्नाटक (Karnataka) में ब्लैक फंगस के अब तक 1,370 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि रविवार को राज्य में ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या 1,250 थी. वर्तमान में राज्य में म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित 1,292 मरीजों का इलाज चल रहा है. इसी के साथ, ब्‍लैक फंगस अब बच्चों में भी पाया जा रहा है और कर्नाटक के ग्रामीण इलाके में इसके दो मामले सामने भी आ चुके हैं.

दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत कई और राज्यों में भी ये महामारी पांव पसार रही है. कर्नाटक में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच मिंटो आई अस्पताल की डायरेक्टर डॉ. सुजाता राठौड़ ने सोमवार को कहा कि ’10 मई से हमारे वार्ड में म्यूकरमाइकोसिस के लगभग 126 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से 32 मरीजों की मौत हो चुकी है और 20 को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. हमने 6 मरीजों का इलाज किया है, जिनकी आंखों की रोशनी ठीक नहीं हुई’.

राज्य के अलग-अलग जिलों में ब्लैक फंगस के मामले

राज्य में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले (557) कर्नाटक अर्बन जिले से सामने आए हैं, जहां एक्टिव मामलों (इलाज करा रहे मरीजों) की संख्या 540 है. दूसरे नंबर पर धारवाड़ है, जहां एक्टिव मामलों की संख्या 142 है. कर्नाटक के बागलकोट, बेलागवी, बीदर, रायचूर, यादगीर, चिकबलपुर जिलों में ब्लैक फंगस से अब तक 1-1 मरीज की मौत हो चुकी है. वहीं, बेंगलुरु रूरल में 2, बेंगलुरु अर्बन में 6, दक्षिण कन्नड़ में 4, धारवाड़ में 14, दावणगेरे में 2, हसन में 3, कलबुगाड़ी में 5, कोलार में 2, कोप्पल में 2 और शिवमोग्गा में 5 मरीजों की मौत हुई है.