- कांग्रेस ने आपातकाल की 46वीं बरसी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से निशाना साधे जाने को लेकर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि लोकतंत्र को कुचलने और संविधान की धज्जियां उड़ाने वालों को उपदेश नहीं देना चाहिए।
मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि आरएसएस ने ‘1975 और 2014 के आपातकाल’ दोनों का समर्थन किया। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आपातकाल पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ”दमन, उत्पीड़न और गला घोंटने के पर्यायवाची बन चुके प्रधानमंत्री ऐसी बात करते हैं।
एक ऐसे प्रधानमंत्री जिन्होंने संसद को कमतर किया, संविधान की धज्जियां उड़ा दीं, संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया, लोकतंत्र को कुचल दिया। ऐसे प्रधानमंत्री को उपदेश नहीं देना चाहिए, जिनके तहत सात वर्षों से भारत ‘मोदी-जेंसी’ में है।”
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ”आधिकारिक रूप से लगाए और हटाए गए आपातकाल की स्पष्ट सीमाएं थीं, लेकिन आज हम जो देख रहे हैं वो उससे उलट है। कांग्रेस ने इसके लिए अपने देश के लोगों से माफी भी मांगी, जबकि आरएसएस ने विदेशी शक्तियों से माफी मांगी थी। भारत के लोगों ने कांग्रेस को माफ कर दिया और आपातकाल के दो-ढाई साल के भीतर उसे फिर सत्ता में लाए।”
उन्होंने दावा किया कि आरएसएस ने ‘1975 और 2014 के आपातकाल’ का समर्थन किया था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित केंद्र के सत्ताधारी दल के कई नेताओं ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर शुक्रवार को कांग्रेस की खूब निंदा की और आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले ”सत्याग्रहियों” को याद किया।