कानपुर। लगातार कमजोर होती जा रही कांग्रेस ने अब मजबूती के लिए नया दांव चला है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार की मदद के लिए अपने सिपहसालार उतार दिए हैं। इसमें उत्तर से दक्षिण जिले तक को महत्व दिया गया है। पूर्व विधायकों के साथ ही सांगठनिक नजरिए से दोनों ही जिलों के युवाओं और अनुभवी वरिष्ठ कांग्रेसी लगाए गए हैं।
कांग्रेस ने 2009 में कानपुर संसदीय सीट पर जीत हासिल की थी। फिर 2014 व 2019 में हारी। 2024 में ब्राह्मण चेहरे के रूप में छात्र राजनीति के बाद 40 वर्षों से अधिक समय से कांग्रेस से जुड़े आलोक मिश्रा पर दांव लगाया है। पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव में मजबूती लाने के लिए 28 सदस्यीय समन्वय समिति बनाई है।
लिस्ट में ये नाम हैं शामिल
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शैलेंद्र चतुर्वेदी की ओर से जारी सूची में पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, नेकचंद्र पांडेय, संजीव दरियाबादी, गणेश दीक्षित, सोहिल अख्तर अंसारी, हाफिज मोहम्मद उमर, पूर्व एमएलसी सरदार कुलदीप सिंह, मदन मोहन शुक्ला, नरेश चंद्र त्रिपाठी, पवन गुप्ता, अब्दुल मन्नान, निजामुद्दीन खां, हर प्रकाश अग्निहोत्री, विकास अवस्थी, जेपी पाल, सुनीत त्रिपाठी, दिलीप शुक्ला, विकास सोनकर, दिलीप बाजपेई, मनीष बाजपेई, संजीव मिश्रा, करिश्मा ठाकुर, कृष्ण मणि देव सिंह, अवनीश सलूजा, राहुल सचान, कृपेश त्रिपाठी, अतहर नईम व डॉ. प्रभात जैसे नाम शामिल हैं।
चुनावी गणित को रखा गया ध्यान
टीम बनाने में पांचों विधानसभा क्षेत्रों की चुनावी गणित को ध्यान में रखा गया है। किदवई नगर व गोविंद नगर में पार्टी अधिक मेहनत कर रही है, क्योंकि बाकी तीन विधानसभा क्षेत्रों आर्य नगर, सीसामऊ व छावनी में सपा की मजबूती है। पूर्व प्रदेश सचिव विकास कहते हैं, समन्वय समिति की बैठक में रणनीति तय की गई है।