कानपुर देहात : रूरा के मड़ौली गांव में कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी की जिंदा जलने के मामले में घटना के करीब 22 घंटे बाद भी अभी तक शव नहीं उठाया जा सका है।स्वजन की मांग है कि मुख्यमंत्री को गांव बुलाया जाए व जो आरोपित मुकदमे में नामजद किए जाएं उनकी गिरफ्तारी हो तभी शव उठने दिया जाएगा। साथ ही बर्खास्त करने की मांग रखी। एडीजी, आईजी व कमिश्नर व अन्य अधिकारी मनाने में लगे हैं।
डिप्टी सीएम से वीडियो काल की भी चर्चा हुई पर बात बनी नहीं। बजरंग दल, विहिप, कांग्रेस, भीम आर्मी समेत कई संगठन के लोग भी परिवार के समर्थन में आ गए। अधिकारी पूरी रात गांव में रहे पर बात न बन सकी है।
लेखपाल और एसडीएम हिरासत में
दोनों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। किसी जगह रखा गया है अधिकारी अभी बता नहीं रहे हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से बात की है, किसी भी दोषी को हम बख्शेंगे नहीं। प्रशासनिक अधिकारी हों या पुलिस के अधिकारी हों, कानपुर में झुग्गी झोपड़ी पर जाकर जिन लोगों ने ऐसा काम किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आज मिल जाएगी।
कांग्रेस के नेताओं को रोका गया
कानपुर देहात घटना में जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को उन्नाव के सोहरामऊ थाने में रोका गया है, कानपुर के रेल बाजार में कांग्रेसी नेता राजेश सिंह के घर से जिला अध्यक्ष कानपुर, प्रदेश सचिव वा अन्य एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता कानपुर देहात के लिए कुछ देर में रवाना होंगे।
पीड़ित परिवार से मिलेगा समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल
मड़ौली गांव में मां-बेटी की मौत के मामले पर राजनीतिक घमासान भी तेज हो चला है। समाजवादी पार्टी ने एक प्रतिनिधि मंडल का ऐलान किया है, जो पीड़ित परिवार से मिलने जाएगा।
मैं ब्राह्मण हूं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश मणि त्रिपाठी से बात करते एसपी (दाएं), मृतका के बेटे वंश और शिवम से बात करते कमिश्नर (बाएं)
परिवार घर में था लेकिन सूचित किए बना निर्माण गिराने लगे
दिवंगत प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित तहरीर में लिखा कि इस जमीन पर हमारे बाबा निवास करते थे। 14 जनवरी को मैथा एसडीएम, लेखपाल व रूरा एसओ बुलडोजर लेकर बिना किसी सूचना के मकान गिराने आ गए। उस दिन कुछ निर्माण गिराया व 10 से 12 दिन का समय दिया गया कि इसे खुद गिरा लो। इसके बाद हम मवेशी संग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां एडीएम प्रशासन ने सुनवाई नहीं की बल्कि बलवा का मुकदमा लिखवा दिया गया।
इसके बाद सोमवार को यही लोग टीम लेकर आए और विपक्षी अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल, विशाल व बुलडोजर का चालक दीपक सुनियोजित तरीके से आए। परिवार घर में था लेकिन सूचित किए बना निर्माण गिराने लगे। आरोप है कि लेखपाल ने आग लगा दी और एसडीएम ने कहा कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बच न पाए। मुझे भी पीटा गया और एसओ व पुलिसकर्मियों ने आग में फेंकने की कोशिश की। आग से मेरी मां व बहन जलकर मर गईं जबकि पिता झुलस गए।
दिवंगत महिला के बेटे शिवम दीक्षित ने दी घटना की तहरीर
कानपुर देहात में जमीन का कब्जा हटाने गई टीम के सामने मां-बेटी के जिंदा जलकर मरने की घटना पर सपा व कांग्रेस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सपा ने ट्वीट किया कि पुलिस प्रशासन ने कानपुर में बलवंत सिंह की हत्या कर दी थी, अब भी प्रशासन निर्दोषों की मौत का कारण बन रहा।