पटना, बिहार सरकार के कानून मंत्री का पद भले छोड़ दिया, लेकिन कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिक सिंह कानून को अपनी जेब में लेकर घूमते हैं। यह बात हम नहीं, राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की ओर से कहा गया है। अपने इस आरोप में समर्थन में भाजपा ने सुबूत भी पेश किया है।
कार्तिक कुमार के मसले पर साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व कानून मंत्री और अनंत सिंह के करीबी कार्तिक कुमार के मसले पर बिहार की सरकार को घेरा है। भाजपा ने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है। बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार की सुशासन पुलिस कार्तिक कुमार को ढूंढने में लगी है।
भाजपा बोली- राजद के पाकेट के राजा
निखिल ने कहा कि कार्तिक कुमार मोकामा में राजद प्रत्याशी के प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के अंधेर नगरी जैसा माहौल है, जहां राजा ही राजद के पॉकेट में है। ऐसी परिस्थिति में भला किस बात का डरना है।
अपहरण मामले की वजह से देना पड़ा इस्तीफा
कार्तिक कुमार राष्ट्रीय जनता दल के विधान पार्षद हैं और राजद के पूर्व विधायक एवं बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी और विश्वासपात्र हैं। उन्हें बिहार की नई सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था। उनके मंत्री बनने के बाद पता चला कि वे अपहरण के एक मामले में वांछित हैं और उनके खिलाफ वारंट भी जारी है। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी पर शपथ ग्रहण से कुछ ही दिन पहले अस्थायी रोक कोर्ट ने लगा दी थी।
गिरफ्तारी पर रोक हटते ही दिया इस्तीफा, हुए अंडरग्राउंड
उनकी गिरफ्तारी पर रोक के लिए निर्धारित तारीख खत्म होते ही कार्तिक कुमार ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले काफी किरकिरी होने पर बिहार सरकार ने उनका विभाग बदल दिया था। इस्तीफे के बाद पुलिस उनको तलाशने कथित तौर पर उनके आवास पर गई थी।