काशी-तमिल संस्कृति, महान विभूतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं का हुआ प्रदर्शन
वाराणसी (का.प्र.)। काशी तमिल संगमम् प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने वाली ऐतिहासिक पहल है यह संगम न केवल काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को समझने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी नई दिशा देता है। उक्त बाते केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने मंगलवार को नमो घाट पर ‘काशी तमिल संगमम् ४.०Ó के अंतर्गत आयोजित विशेष चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कार्यक्रम का विषय ‘तमिल करकलामÓ (आइए तमिल सीखें) रखा गया है, जो दोनों क्षेत्रों के बीच ज्ञान-संबंधों को और गहरा करेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू जीएसटी और श्रम कानून सुधारों ने देश की अर्थव्यवस्था को गति दी है और आम नागरिकों को व्यापक लाभ प्रदान किया है। केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में काशी एवं तमिल की महान सांस्कृतिक धरोहर, महान विभूतियों तथा केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रदर्शनी के पहले ही दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अवलोकन किया।
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काशी-तमिल संस्कृति से आमजन होंगे अवगत-योगी
वाराणसी (का.प्र.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम््Ó आम लोगों को काशी और तमिलनाडु की गौरवशाली संस्कृतियों के साथ-साथ केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने का महत्वपूर्ण माध्यम है। मंगलवार को नमो घाट पर शुरू हुए ‘काशी तमिल संगमम् ४.०Ó में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान कहा कि यह प्रदर्शनी एक दूसरे के संस्कृतियों को आपस में जोडऩे के लिए सेतु का कार्य करेगी। पहले ही दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।





