लखनऊ (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। राज्य सरकार किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनकी दिक्कतों को दूर के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत कृषि व किसान कल्याण के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री शुक्रवार को आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक स्तर पर किसानों से नियमित सम्पर्क एवं संवाद बनाकर उनकी अपेक्षाओं तथा समस्याओं के सम्बन्ध में त्वरित कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसान कल्याण मिशन का शुभारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस अभियान में संचालित होने वाली गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। किसान कल्याण मिशन के तहत विकास खण्ड स्तर पर आयोजित होने वाले कृषि मेले तथा कृषि प्रदर्शनी में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि किसान कल्याण मिशन के प्रथम चरण में 350 विकास खण्डों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कृषि मेला एवं प्रदर्शनी में कृषि विभाग के साथ-साथ उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, सहकारिता, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, नेडा, विद्युत, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, वन, बाल विकास एवं पुष्टाहार इत्यादि विभाग अपनी-अपनी योजनाओं से सम्बन्धित स्टॉल लगाएंगे। इस दौरान लाभार्थीपरक योजनाओं के स्वीकृति पत्र, प्रमाण-पत्र, कृषि यंत्र वितरण, पुरस्कार आदि भी प्रदान किए जाएंगे। कृषि मेला एवं कृषि प्रदर्शनी में किसान कल्याण से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता गोष्ठी के साथ-साथ उक्त क्षेत्र के किसानों के कल्याण से जुड़े सभी कार्यक्रमों के बारे में न केवल जानकारी दी जाएगी, बल्कि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों का चयन करते हुए लाभार्थियों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, उपलब्ध सुविधाओं का वितरण कराया जाएगा।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एमएसपी के तहत धान खरीद की कार्यवाही पूरी सक्रियता से संचालित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो। मक्का खरीद प्रक्रिया को सुचारु ढंग से संचालित किया जाए। उन्होंने धान एवं मक्का खरीद केन्द्रों की व्यवस्थाओं की नियमित मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश के लिए उत्कृष्ट वातावरण तैयार किया गया है। उन्होंने डेटा सेन्टर नीति को शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डेटा सेन्टर नीति के प्रख्यापन से पूर्व ही राज्य सरकार को डेटा सेण्टर स्थापना के कई प्रस्ताव मिले जिन पर सक्रियता से कार्रवाई की जा रही है। नवम्बर, 2020 में ग्रेटर नोएडा में स्थापित किए जाने वाले डेटा सेन्टर पार्क का भूमि पूजन सम्पन्न हो गया है। प्रदेश में डेटा सेन्टर नीति लागू हो जाने के पश्चात इस सेक्टर में निवेश में व्यापक स्तर पर वृद्धि होगी।