एमओयू साइन करने से क्या होगा?
मांडविया ने कहा, ‘किसी भी Gamechanger Technology के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि उसे बड़े पैमाने पर आम लोग अपनाएं. नैनो यूरिया के साथ भी यही चुनौती है. नैनो यूरिया एक Revolutionary Product तो है लेकिन देश के आम किसान इसे जितना तेजी से अपनाएंगे, इसका सकारात्मक प्रभाव हमें उतना ही जल्दी देखने को मिलेगा और उतना ही जल्दी हम कृषि क्षेत्र में ‘संपूर्ण आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ पाएंगे.’
धीरे-धीरे ऐसे फायदा होगा
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए यह जरूरी है कि नैनो यूरिया का उत्पादन और बढ़े. Fertiliser के क्षेत्र में काम कर रही दूसरी सरकारी कंपनियां भी इस काम में लगें. इन MoUs से आने वाले दिनों में यूरिया का Production बढ़ेगा. इसके प्रचार-प्रसार में तीनों संगठन लगेंगे. इससे किसानों के बीच कम समय में नैनो यूरिया की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिलेगी और तेजी से किसान इस नए उत्पाद को अपना पाएंगे.’