गेहूं की कटाई और बिक्री के काम से खाली होने के बाद टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन का रुख करने वाले हजारों किसानों में कोरोना विस्फोट हो सकता है। पिछले दो दिनों में ही पंजाब के करीब 5,000 किसान बहादुरगढ़ के रास्ते टिकरी बॉर्डर पर जमा हो गए हैं। एक पंडाल में ही किसानों की बढ़ती संख्या देख हरियाणा पुलिस ने इन्हें हटाना शुरु कर दिया है। बॉर्डर के निकट इनके लिए स्कूल,कॉलेज परिसरों में प्रबंध किए जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि प्रदर्शनकारी किसान सभाएं नहीं करेंगे और एक जगह जमा नहीं होंगे। हफ्ताभर पहले तक टिकरी बॉर्डर पर वहीं 100 से 150 किसान रह गए थे जो बुजुर्ग थे और खेतों में गेहूं की कटाई के लिए न जाकर यहीं बॉर्डर पर रुके रहे।
इस बीच कोरोना के बढ़ते सक्रंमण के चलते किसानों की भी बॉर्डर पर भीड़ न बढ़े इसलिए पुलिस सख्ती कर रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने साफ कर दिया है कि बॉर्डर पर जमावड़ा न होने दिया जाए। जो किसान वहां मौजूद हैं उनने भी आरटी पीसीआर टैस्ट कराने की व्यवस्था की जा रही है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी बॉर्डर पर किसानें के टैस्ट और टीकाकरण के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि किसान बड़ी संख्या में बैठे हैं। उनका कोविड का टीका लगाने व टेस्ट करने का फैसला किया है। किसान नेता सुखदेव सिंह कोकरी कलां का कहना है कि गेहूं की फसल की बिक्री का काम निपटाने के बाद पंजाब के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर फिर से मौर्चे लगाने को तैयार हैं। अगले एक हफ्ते में भारतीय किसान यूनियन उगरांह के पांच हजार किसानों का जत्था दिल्ली बॉर्डर पर होगा।