शिमोग्गा। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष राकेश टिकैत के खिलाफ शिवमोग्गा में उनके भाषण को लेकर कर्नाटक में दो मामले दर्ज हुए हैं। कर्नाटक के शिवमोग्गा और हावेरी में ये मामले दर्ज किए गए हैं। उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दोनों केस दर्ज हुए हैं। गौरतलब है कि शनिवार को किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए, टिकैत ने कहा कि कर्नाटक में किसानों को दिल्ली की तरह राज्य में विरोध प्रदर्शन का आयोजन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने बेंगलुरु के घेराव का आह्वान किया था।
टिकैत ने इस दौरान कहा था कि आपको दिल्ली की तरह हर तरफ से बेंगलुरु का घेराव करने की जरूरत है। लोग आकर आपके विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं इसलिए आप अपनी फसल को जिला कलेक्टर, एसडीएम के कार्यालयों में ले जाएं और अगर पुलिस आपको रोकती है, तो उन्हें एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए कहें।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। क्या यह वास्तव में भड़काऊ भाषण का मामला है? उन्होंने आगे कहा कि उनके बयानों में कुछ भी भड़काऊ नहीं था। यह गलत धारणा है। प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है। टिकैत के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाने चाहिए।
बता दे कि पिछले साल दिसंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि नए कानून किसानों के खिलाफ हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभकारी बता रही है। दोनों पक्षों के बीच इसे लेकर कई दौर की वार्ताएं हुई हैं। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 10 से अधिक दौर की वार्ता हुई है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है।