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NCT बिल पर केंद्र बनाम केजरीवाल की लड़ाई तेज, सुप्रीम कोर्ट जा सकती है केजरीवाल सरकार


नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) बिल 2021 (NCT) को लेकर केंद्र बनाम केजरीवाल सरकार की लड़ाई तेज हो गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी एनसीटी बिल पास हो गया है। जानकारों के मुताबिक इस बिल से पास होने से दिल्ली में अब सरकार से ज्यादा ताकतवर राज्यपाल होंगे। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए शोक का दिन बताया तो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस बिल को ‘संविधान का चीरहरण’ बताया है।

इस बिल को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह से लेकर तमाम छोटे-बड़े नेता विरोध जता रहे हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के इस बिल के खिलाफ दिल्ली की केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की मन बना रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली जल्द ही इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

NCT बिल की बड़ी बातें…

NCT बिल के मुताबिक दिल्ली विधानसभा के बनाए किसी भी कानून में सरकार से मतलब एलजी से होगा। एलजी को सभी निर्णयों, प्रस्तावों और एजेंडा की जानकारी देनी होगी। यदि एलजी और मंत्री परिषद के बीच किसी मामले पर मतभेद है तो एलजी उस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। इतना ही नहीं, एलजी विधानसभा से पारित किसी ऐसे बिल को मंजूरी नहीं देंगे जो विधायिका के शक्ति-क्षेत्र से बाहर हैं। वह इसे राष्‍ट्रपति के विचार करने के लिए रिजर्व रख सकते हैं।

आपको बता दें कि दिल्ली में एलजी बनाम मुख्यमंत्री की लड़ाई बहुत पुरानी है। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद अक्सर यह मुद्दा सुर्खियों में रहा है। यहां तक कि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। 2018 और 2019 सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों के जरिए एलजी और दिल्ली सरकार की भूमिकाओं और अधिकार क्षेत्र को साफ किया।