नई दिल्ली। आरबीआइ ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय आयातकों व निर्यातकों को भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की इजाजत दे दी है। माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक के इस फैसले से देश में डालर की मांग पर लगाम लगेगी जिससे भारतीय रुपये के अवमूल्यन को रोकने में मदद मिलेगी। इस फैसले का एक दूसरा फायदा यह हो सकता है कि रूस, ईरान जैसे देश जिन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा है उनके साथ भी आयात-निर्यात में सहूलियत होगी।
भारतीय कारोबारियों की पसंद पर निर्भर करेगी इस फैसले की सफलता
आरबीआइ के इस फैसले की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि भारतीय कारोबारी इसे कितना अमल में लाते हैं क्योंकि पूर्व में भी आरबीआइ की तरफ से रुपये में कारोबार करने को लेकर मिले प्रोत्साहन को उन्होंने खास तवज्जो नहीं दी है। लोकप्रियता व कीमत की वजह से वे डालर में ही कारोबार करना पसंद करते हैं।
आयात और निर्यात का सेटलमेंट रुपये में ही करने की इजाजत
आरबीआइ की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि वैश्विक कारोबार में हिस्सेदारी बढ़ाने और वैश्विक समुदाय में भारतीय रुपये में कारोबार करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए आयात और निर्यात का सेटलमेंट भारतीय रुपये में ही करने की इजाजत दी जा रही है। इसके तहत भुगतान का सेटलमेंट करने से पहले अधिकृत डीलरों (एडी) को आरबीआइ की केंद्रीय शाखा स्थित विदेशी मुद्रा विभाग से अनुमति लेनी होगी।