अन्तर्राष्ट्रीय

कुलभूषण जाधव मामलेमें पाकिस्तानकी फिर नयी चाल


इस्लामाबाद (हि.स.)। पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर (राजनयिक) पहुंच के लिए उसकी पेशकश का लाभ भारत को उठाना चाहिये और मामले की प्रभावी समीक्षा के बारे में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय को लागू करने में सहयोग करना चाहिए। भारताीय नौसेना के 55 साल के अवकाशप्राप्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनायी है। इसके कुछ ही हफ्तों बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रूख किया था और मौत की सजा को चुनौती दी थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने अपने साप्ताहिक प्रेस संबोधन में कहा, च्च्हम भारत से आगे आने का आह्वान करते हैं और वह तीसरे कॉन्सुलर पहुंच का लाभ उठाये और मामले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चलने दे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहले ही दो बार भारत को कॉन्सुलर पहुंच मुहैया कराया है। इस बीच जाधव से संबंधित मामले पर एक सवाल का जवाब देते हुए नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा माहौल तैयार करने में विफल रहा है।
जिसके तहत जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को गंभीरता से और प्रभावी ढंग से चुनौती दी जा सकती है।