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कुशवाहा बोले- बिहारी बाबू में है PM बनने की योग्यता


बिहार की राजनीती भी काफी रोमांचक मोड़ लेती रहती है, लेकिन इस बार बात बिहार की नहीं, बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की है। जी हां, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज कहा कि देश के जिन नेताओं में प्रधानमंत्री बनने की योज्ञता है उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैं।
कुशवाहा दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के बाद रविवार को यहां पहुंचने पर संवाददाताओं के पूछे जाने पर कहा कि नरेंद्र मोदी राजग के प्रधानमंत्री है और बहुत ही बेहतर काम कर रहे हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि देश में दूसरे लोग प्रधानमंत्री बनने की योज्ञता नहीं रखते। उन्होंने कहा कि आज देश के अंदर जिन नेताओं में प्रधानमंत्री बनने की योज्ञता है उनमें कुमार भी शामिल हैं। यदि अवसर मिले तो कुमार देश को अच्छे ढंग से चला सकते हैं।
कुशवाहा ने कहा कि जदयू विधानसभा चुनाव के बाद लगातार संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह कहने में तनिक भी हिचकिचाहट नहीं की यदि आज बिहार में चुनाव हो जाए तो उनकी पार्टी राज्य के अंदर नंबर वन पार्टी बनेगी। उन्होंने कहा कि संगठन को पिछले कुछ समय में काफी धारदार बनाया है। जमीनी स्तर पर काम किया है और इसी भरोसे के साथ यह दावा भी कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पार्टी और मजबूत होगी। सिंह न केवल पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे बल्कि बिहार के बाहर अन्य राज्यों में भी पार्टी कैसे मजबूत हो,इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। बिहार के बाहर पार्टी बेहद कमजोर स्थिति में है और संगठन को मजबूत करने के लिए अच्छी खासी मेहनत करनी होगी।
सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं और इससे संगठन को लाभ मिलेगा। कुशवाहा ने कहा कि पार्टी ने कभी धर्मनिरपेक्षता के साथ समझौता नहीं किया और ना ही आगे करेगा। जदयू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों दलों की अपनी नीतियां है। उन्होंने कहा कि जदयू का स्पष्ट मानना है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए और इस मांग पर मजबूती से हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाकर जबरदस्ती नहीं की जा सकती और यह काम केवल जन जागरण के जरिए ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कानून लाकर जबरदस्ती जनसंख्या नियंत्रण किया गया तो इसका विरोध हो सकता है।