- पंजाब सरकार ने कोविड महामारी के मद्देनजर किसानों से विरोध प्रदर्शन को कम करने की अपील की. अपील करने के एक दिन बाद राज्य के 32 किसान यूनियनों ने संकेत दिया है कि वे सिंघू, गाजीपुर, और टिकरी पर नए कृषि कानून के खिलाफ अपने धरने की संख्या को कम करेंगे. वहीं एक जगह इकट्ठा न होकर अलग-अलग जगह धरना प्रदर्शन करेंगे.
पंजाब और हरियाणा दोनों की राज्य सरकारों ने वायरस की चेन को रोकने के लिए सीमित लॉकडाउन लगाए हैं. जिसके बाद पंजाब में किसान पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल, टोल प्लाजा और रेलवे स्टेशन आदि जैसे 108 स्थानों पर बैठे हैं. किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल और संयुक्ता किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रवक्ता ने कहा, “हम पंजाब में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या को कम करने के बारे में सोच सकते हैं.
किसानों को दी गई इम्युनिटी बूस्टर किट
उन्होंने कहा कि संघ इन तीनों स्थलों (सिंघू, गाजीपुर, और टिकरी) पर कोविड प्रोटोकॉल लागू करने की योजना बना रहे हैं. स्पीकर के भाषण प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने के लिए पहले की तरह मंच से जारी रहेंगे. किसान टेंट में झुंड बनाने की बजाय अपनी ट्रोली से इन भाषणों को सुन सकते हैं. पाल ने कहा, किसान के टीकाकरण और इलाज के लिए भी तैयारियां जोर पर है. “हमने उन्हें स्टीमर्स, इम्युनिटी बूस्टर किट दी हैं, इसके अलावा उन्हें नियमित रूप से गार्गल करने और मास्क पहनने के लिए कहा है, ‘जय जवान जय किसान’ के नारे के साथ मास्क बांटे गए हैं.
SKM प्रवक्ता ने कहा दोनों राज्य सरकारें उनसे घर पर रहने का आग्रह कर रही है. “हमने सीमा पर अस्थायी घर बनाए हैं, हम वहां रहेंगे. हम कोविड -19 से निपटने की गंभीरता को समझते हैं, और हम अपने संघर्ष से समझौता किए बिना सहयोग करेंगे. BKU दकौंडा के महासचिव और एसकेएम (SKM) के सदस्य जगमोहन सिंह पटियाला ने भी कहा कि वे इसे और अधिक कोविड को उचित बनाने के लिए विरोध के अपने तरीके को बदल देंगे, लेकिन विरोध जारी रहेगा.