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केंद्रीय मंत्री का CM प्रत्याशी पर पर यू टर्न, ‘मेट्रोमैन’ ई श्रीधरन पर नहीं हुआ फैसला


नई दिल्ली। केरल विधानसभा चुनाव (Keral Assembly Election) से पहले भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) में शामिल हुए मैट्रोमैन ई. श्रीधरन (E. Sreedharan) के लिए पार्टी ने गुरुवार को अजीब स्थिति पैदा कर दी। पहले केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने श्रीधरन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी लेकिन कुछ ही देर में पार्टी ने इस पद के लिए उनका नाम वापस ले लिया। सबसे पहले केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने ट्वीट किया केरल में भाजपा बतौर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में ई. श्रीधरन के साथ चुनाव लड़ेगी। हम केरल के लोगों के लिए भ्रष्टाचार मुक्त, विकासोन्मुख शासन प्रदान करने के लिए सी.पी.एम. और कांग्रेस दोनों को हराएंगे।

के. सुरेंद्रन ने भी दी ये जानकारी
केरल में भाजपा के प्रदेश प्रमुख के. सुरेंद्रन ने भी विजय यात्रा में श्रीधरन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की जानकारी देते हुए कहा था कि पार्टी जल्द ही अन्य उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी करेगी। केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने बाद में कहा कि मैं जो बताना चाहता था, वह यह था कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से मुझे पता चला कि पार्टी ने यह घोषणा की है लेकिन जब मैंने पार्टी प्रमुख से क्रॉसचैक किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। 88 वर्षीय श्रीधरन ने बीते सप्ताह ही भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की है।

देश की कई मेट्रो को स्थापित करने वाले श्रीधरन
बता दें कि मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्ध दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाले ई श्रीधरन को कौन नहीं जानता। दिल्ली सहित देश की कई मेट्रो को स्थापित करने वाले श्रीधरन तकनीक के बड़े जानकार हैं। अब वह राजनीति में अपनी विशेषज्ञता को आजमाना चाहते हैं। राजनीति की दुनिया में उन्हें केरल के भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के साथ वह केरल को विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।

इस उम्र में मैं पूरी तरह से चुस्त-तंदरुस्त हूं। ऐसे में केरला के विकास के लिए मैं अपनी सेवा देना चाहता हूं, काम करना चाहता हूं, तो इसमें गलत क्या है? मेरा लंबा अनुभव और ज्ञान, प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा। जहां तक बात मेरे ऊर्जावान बने रहने की है तो व्यवस्थित तरीके से जिंदगी को जीना और महान भगवद् गीता के धार्मिक मूल्यों के प्रति मेरी आस्था इसका प्रमुख कारण है।