News TOP STORIES नयी दिल्ली

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ली कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज, की खास अपील


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन उनकी पत्नी नूतन गोयल ने मंगलवार को दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में कोरोना वायरस वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई. उन्होंने 2 मार्च को पहले स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ की पहली खुराक लेने के ठीक 28 दिन बाद दूसरी खुराक ली. हर्षवर्धन ने पैसों से कोरोना वैक्सीन की डोज ली है. अस्पताल की रसीद के अनुसार, 66 वर्षीय मंत्री ने प्राइवेट फैसिलिटी में वैक्सीन के लिए 250 रुपये का भुगतान किया. उन्होंने कोविड-19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन शुल्क के लिए 150 रुपये कोविड-19 वैक्सीन शुल्क के लिए 100 रुपये का भुगतान किया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन अपने पत्नी के साथ सुबह करीब 11 बजे दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली फिर उनकी पत्नी ने टीके की दूसरी डोज लगवाई. अस्पताल से बाहर निकलने के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी के साथ कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों में से किसी को भी वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत की दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं लेकिन बहुत से लोग अब भी कंफ्यूजन में हैं. मैं ऐसे लोगों के लिए कहना चाहूंगा कि वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है, इसमें कोई भ्रम या गलतफहमी में न रहे.

इसके साथ ही हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी ठीक तरह से मास्क का इस्तेमाल सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बाद लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी है. साथ ही डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘अभी जो मामले बढ़ रहे हैं उसे लेकर मैं लोगों से अपील करता हूं कि आप कोविड उपयुक्त व्यवहार को गंभीरता से लें वैक्सीन लगवाने को जन आंदोलन के रूप में विकसित करने में मदद करें.’

उल्लेखनीय है कि ‘कोविशील्ड’ ‘कोवैक्सीन’ के अनुमोदन के बाद 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक देश में 6.11 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है. सरकार ने कोविड की पहली दूसरी खुराक के बीच के अंतराल को कोविड-19 के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान में आठ सप्ताह तक बढ़ा दिया है. हालांकि, यह केवल ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड पर लागू होता है, न कि भारत बायोटेक-आईसीएमआर के कोवैक्सीन के लिए, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिया है.