News TOP STORIES नयी दिल्ली बिजनेस राष्ट्रीय

केंद्र ने MSME Competitive (LEAN) Scheme में योगदान बढ़ाया, पीएम मोदी ने कहा – एमएसएमई सेक्टर को मजबूती मिलेगी


नई दिल्ली,। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र की एमएसएमई प्रतिस्पर्द्धी योजना (MSME Competitive (LEAN) scheme) अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने के लिए है।

केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को एमएसएमई प्रतिस्पर्द्धी (LEAN) योजना को पुनर्गठन किया गया था, जिससे एमएसएमई व्यापारियों के साथ सभी पक्षों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके।

jagran

योजना में हुआ ये बड़ा बदलाव

पुनर्गठन के तहत, केंद्र का योगदान हैंड होल्डिंग और परामर्श शुल्क के लिए कार्यान्वयन लागत का 90 प्रतिशत होगा, जबकि पहले यह 80 प्रतिशत था। वहीं, एमएसएमई मंत्री नारायण राणे की ओर से किए गए एक ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि यह एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे हमारे प्रयासों का हिस्सा है, जो कि भारत की आर्थिक प्रगति का एक मुख्य स्तंभ है।

jagran

क्या है एमएसएमई प्रतिस्पर्द्धी (LEAN) योजना?

केंद्र सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रोडमैप प्रदान करने के लिए एमएसएमई प्रतिस्पर्द्धी (LEAN) योजना शुरु की गई है। इसका उद्देश्य एमएसएमई सेक्टर में बनाए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता, उत्पादकता और प्रदर्शन में सुधार कर वैश्विक स्तर का बनाना है। इसे योजना के तहत सरकार का फोकस लीन मैन्युफैक्चरिंग पर है।

लीन मैन्युफैक्चरिंग: जब कोई उत्पादक उत्पादन प्रक्रिया में अंतिम ग्राहक के वस्तु निर्माण के अलावा किसी अन्य चीज में संसाधनों के व्यय को व्यर्थ मानता है और उसे समाप्त कर देता है, तो इसे लीन मैन्युफैक्चरिंग कहा जाता है।

सरकार का योगदान

योजना के तहत केंद्र सरकार हैंड होल्डिंग और परामर्श शुल्क के लिए कार्यान्वयन लागत का 90 प्रतिशत योगदान देती है। इसके अलावा उत्तर पूर्व के राज्यों, एससी/एसटी/ महिलाओं के मालिकाना वाले और जो स्फूर्ति क्लस्टर के सदस्य हैं। उन्हें पांच प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान दिया जाता है।