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केजरीवाल सरकार की एक और अभियान पर LG का ब्रेक, AAP मंत्री ने भाजपा पर लगाया आरोप


नई दिल्ली, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) की एक और अभियान पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने ब्रेक लगा दिया है। प्रदूषण के खिलाफ केजरीवाल सरकार की ओर से प्रस्तावित अभियान रेड लाइट आन, गाड़ी आफ (Red Light On Gadi Off) को एलजी की अनुमति नहीं मिली है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने भाजपा और उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर दिल्ली सरकार के सभी कार्यक्रमों को रोकने का आरोप लगाया है।

बृहस्पतिवार को प्रेस वार्ता में आम आदमी पार्टी सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि रेड लाइट आन और गाड़ी आफ अभियान को लेकर एलजी ने अभी तक अनुमति नहीं दी है। इसलिए अभियान को निरस्त किया जा रहा है।

प्रदूषण के खिलाफ 15 बिंदुओं पर काम कर रही सरकार

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार सर्दी के मौसम में प्रदूषण रोकने के लिए 15 प्वाइंट पर काम कर रही है। धूल, वाहन और पराली से होने वाले प्रदूषण रोकने पर काम हो रहा है। मंत्री ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले कारकों में वाहन प्रमुख हैं। इस साल 28 तारीख से रेड लाइट आन और गाड़ी आफ कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी हो रही थी, लेकिन अब तक उपराज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाई है।

AAP ने भाजपा पर लगाए आरोप

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री में कहा कि रेड लाइट आन और गाड़ी आफ अभियान के तहत 2500 सिविल डिफेंस को लगाया जाना है। उन्हें ट्रेनिंग दी जानी है, मगर इस बार एलजी ने इसके लिए अनुमति नहीं दी है। हम अभी तक इसके लिए इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल इस अभियान को निरस्त किया जा रहा है। भाजपा दिल्ली सरकार के हर कार्यक्रम को रोक रही है। एलजी साहेब आए दिन सरकार के कार्यक्रम रोक रहे हैं। उन्हें दिल्ली के लोगों की सांसों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार की ओर से वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) अनिवार्यता के फैसले को भी नामंजूर कर दिया था। दिल्ली सरकार ने 25 अक्टूबर से केवल उन्हीं वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल मुहैया कराने की बात कही थी जिनके पास उनके वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र है। लेकिन उपराज्यपाल की मंजूरी न मिलने के कारण दिल्ली सरकार का यह फैसला भी अधर में रह गया।