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केरल सरकार को ‘सुप्रीम’ फटकार,


  • सुप्रीम कोर्ट ने सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली केरल सरकार को फटकार लगाई और उसकी याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य के 6 प्रमुख सीपीएम नेताओं और शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी सहित पूर्व विधायकों के खिलाफ मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी गई थी। मार्च 2015 में केरल विधानसभा जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री केएम मणि बजट पेश कर रहे थे।

इन परिस्थितियों में वापसी आवेदन की अनुमति देना नाजायज कारणों से न्याय के सामान्य पाठ्यक्रम में हस्तक्षेप के समान होगा। विधायक कानून से ऊपर नहीं हैं, खासकर जब इस तरह के कृत्य किए जाते हैं और आपराधिक कानून के जनादेश से बाहर नहीं होते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सदन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं संपत्ति का विनाश। अधिकार, उन्मुक्तियां और विशेषाधिकार यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि सदस्य अपने कर्तव्यों का निर्भीकता से निर्वहन कर सकें। इस तरह के कृत्य किसी भी तरह से अधिकारों और विशेषाधिकारों के अंतर्गत नहीं आ सकते हैं