- नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के एक दिन बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए मंत्रियों के साथ काम शुरू किया। प्रधानमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आइआइटी बॉम्बे, आइआइटी मद्रास, आइआइटी कानपुर और आइआइएससी बैंगलोर जैसे केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ बातचीत की। इस बातचीत में नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि यह बातचीत शिक्षण संस्थानों में और सुधार सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों का एक हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिपरिषद में बड़ा फेरबदल और विस्तार किया। विस्तार में उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित उन राज्यों का अधिक प्रतिनिधित्व देखने को मिला, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। सरकार में युवा प्रतिभाओं के अलावा ओबीसी और एससी का भी प्रतिनिधित्व बढ़ा है। कैबिनेट की औसत आयु में कमी आई है। ये बदलाव संसद के मानसून सत्र से कुछ दिन पहले किए गए हैं। कोरोना से संबंधित प्रोटोकॉल के साथ राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में कैबिनेट मंत्रियों के रूप में पदोन्नत किए गए सात सहित 43 मंत्रियों ने पद की शपथ ली।
2019 में सत्ता में लौटने के बाद पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल
मई 2019 में मोदी सरकार के सत्ता में लौटने के बाद पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हुआ। ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, सर्बानंद सोनोवाल और पशुपति कुमार पारस ये कुछ वो बड़े नाम हैं, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सात महिला सांसदों ने मंत्रिपरिषद में केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली। इनमें अनुप्रिया पटेल, शोभा करंदलाजे, दर्शन विक्रम जरदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक और भारती प्रवीण पवार शामिल हैं। इसके अलावा सात राज्य मंत्रियों (MoS) को कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर पदोन्नत किया गया है। इनमें जी किशन रेड्डी, किरण रिजिजू, अनुराग ठाकुर, हरदीप पुरी, राज कुमार सिंह, पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मंडाविया शामिल हैं।