सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) एक छोटी और अति महत्वपूर्ण इकाई है. प्रदेश के सभी सीएचसी में न्यूनतम 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि 4 करोड़ टेस्ट के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है. इसे लगातार बढ़ाये जाने की जरूरत है. सभी निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुना करने की कार्यवाही तेज की जाए.
‘हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा’
संक्रमण की दृष्टि से हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा. अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश में कोविड डेडिकेटेड बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना किया जाए. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोग से बेड्स को दोगुना करना सुनिश्चित कराए. सचिव स्तर के एक अधिकारी की जिम्मेदारी इस कार्य में लगाया जाए. इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.सीएम ने कहा कि सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड मरीजों के सेवार्थ डेडिकेटेड किया जाए. स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पिछले सप्ताह में जनपदवार 200-200 बेड बढ़ाए गए हैं. इससे करीब 15000 बेड बढ़े हैं. कोविड हॉस्पिटल के रूप में नए निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाए.
‘जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे’
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों को रेमेडेसीवीर आवंटित किया गया है. जरूरतममंदों की मदद के लिए डीएम/सीएमओ को भी रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराया गया है. केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश को रेमेडेसीवीर के 1,61000 वॉयल आवंटित किए हैं. एक मई से इसमें दोगुनी तक बढ़ोतरी की संभावना है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध है. जरूरत के अनुसार निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
‘हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत’
सीएम ने कहा कि आपदा की स्थिति में हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत है. यदि कोई मरीज/परिजन क्षणिक आवेश में नाराजगी जाहिर करता है तो भी उससे संवेदना पूर्ण व्यवहार ही किया जाए. सभी अधिकारी फोन जरूर रिसीव करें. लगातार जनता से संपर्क में रहें. आइसीसीसी सहित सभी हेल्पलाइन को प्रभावी बनाया जाए.