कोलकाता। कोयला तस्करी मामले में बंगाल के दक्षिण 24 परगना के बिष्णुपुर थाने की पुलिस ने सीबीआइ के मुख्य जांच अधिकारी उमेश कुमार समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जिले के डायमंड हार्बर निवासी हैबर अखान ने सीबीआइ अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि कोयला तस्करी मामले में उसे सीबीआइ कार्यालय निजाम पैलेस बुलाया गया और पूछताछ के नाम पर धमकी दी गई। सीबीआइ अधिकारियों पर जबरन बयान दर्ज कराने का भी आरोप लगाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक एफआइआर के बाद सीआइडी ने सारे दस्तावेज जुटा लिए हैं। 120 (बी), 195 (ए), 506, 465, 467, 468, 34 और कई अन्य गैर-जमानती धाराओं में बिष्णुपुर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। गौरतलब है कि सीबीआइ ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के कई अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही कोयला तस्करी के मुख्य आरोपित अनूप माजी उर्फ लाला, टीएमसी नेता विनय मिश्रा, सीआइएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि ईसीएल, सीआइएसएफ, भारतीय रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी की गई। इस मामले का मुख्य आरोपित लाला और अभिषेक बनर्जी का करीबी विनय मिश्रा है। विनय मिश्रा फरार चल रहा है और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है।
बता दें कि कोयला तस्करी के मामले में सीबीआइ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी तथा उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी से पूछताछ कर चुकी है। रुजिरा की बहन मेनका गंभीर, उनके पति व ससुर से भी सीबीआइ ने जिरह कर चुकी है। यह भी आरोप है कि इस घोटाले में रुजिरा की कुछ कंपनियों में भी लेनदेन हुआ है। इन कंपनियों से अभिषेक बनर्जी भी जुड़े हुए हैं। हालांकि अभिषेक बनर्जी ने पहले भी इन आरोपों को खारिज किया है।